शिलांग, 13 जून . मेघालय में राजा रघुवंशी की हत्या के बाद इनर लाइन परमिट (आईएलपी) की मांग ने जोर पकड़ लिया है. राज्य में लोगों के प्रवेश और निकास पर निगरानी रखने के लिए इनर लाइन परमिट की मांग उठ रही है. इसे लेकर सोहरा में लोगों ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन भी किया.
हाइनीवट्रेप यूथ काउंसिल (एचवाईसी) नाम के एक संगठन ने शुक्रवार को मेघालय सचिवालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया, ताकि राज्य सरकार पर इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क करने का दबाव बनाया जा सके. ‘आईएलपी नहीं तो आराम नहीं’ जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारियों के साथ बहस की. हालांकि, बाद में भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया गया.
इस बीच, राज्य के कैबिनेट मंत्री पॉल लिंगदोह ने गैर सरकारी संगठनों से सरकार पर भरोसा रखने को कहा है. उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए ताकत और ऊर्जा को मिलाने की जरूरत है.
जानकारी के मुताबिक, राज्य विधानसभा ने 2019 में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें भारत सरकार से मेघालय में इनर लाइन परमिट लागू करने का आग्रह किया गया था. हालांकि, यह प्रस्ताव अब भी केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास पड़ा है और इस मांग पर उनकी ओर से कोई निश्चित प्रतिक्रिया नहीं आई है.
मेघालय में इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की इसी महीने हत्या हुई थी. राजा अपनी पत्नी सोनम रघुवंशी के साथ हनीमून टूर पर आए थे. गत 2 जून को राजा रघुवंशी का शव पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा के रियात अर्लियांग में एक खाई में मिला था. हत्या के आरोप में राजा की पत्नी सोनम को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि पति की हत्या के बाद से सोनम लापता थी. बाद में राजा की लाश मिलने के बाद सोनम ने 7 जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस के सामने सरेंडर किया. उसके अलावा चार अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई, जिनसे पुलिस पूछताछ करके जल्द से जल्द इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रही है.
–
डीसीएच/एकेजे