भारत में इंडस्ट्रियल शेड और वेयरहाउसिंग की मांग जनवरी-जून अवधि में ऑल-टाइम हाई पर रही

New Delhi, 17 जुलाई . देश के शीर्ष आठ शहरों में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग की मांग जनवरी-जून अवधि (वर्ष 2025 की पहली छमाही) में लगभग 2 करोड़ वर्ग फुट रही है. इसमें सालाना आधार पर 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. यह जानकारी Thursday को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.

कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर और चेन्नई में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग की मांग सबसे अधिक रही. वर्ष 2025 की पहली छमाही में कुल लीजिंग का लगभग आधा हिस्सा इन्हीं शहरों से आया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष आठ शहरों में दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई, Mumbai और Bengaluru में वर्ष की पहली छमाही के दौरान मांग में कम से कम 20 लाख वर्ग फुट का इजाफा हुआ है.

2025 की पहली छमाही में थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) कंपनियों ने ग्रेड ए के वेयरहाउस और इंडस्ट्रियल शेड की मांग में मुख्य भूमिका निभाई और इस दौरान कुल मांग में लगभग 32 प्रतिशत का योगदान दिया.

रिपोर्ट के अनुसार, 3पीएल, इंजीनियरिंग, ई-कॉमर्स, ऑटोमोबाइल और खुदरा कंपनियों सहित अधिकांश सेक्टर की कंपनियों की ओर से मांग में 2025 की पहली छमाही के दौरान इजाफा हुआ है.

माइक्रो मार्केट लेवल पर भिवंडी (Mumbai ) में वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग सबसे अधिक 31 लाख वर्ग फुट रही, उसके बाद ओरागदम (चेन्नई) में मांग 15 लाख वर्ग फुट रही.

कोलियर्स इंडिया के इंडस्ट्रियल एवं लॉजिस्टिक्स सेवाओं के प्रबंध निदेशक विजय गणेश ने कहा, “2025 की दूसरी तिमाही के दौरान, इंडस्ट्रियल शेड और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में शीर्ष आठ शहरों में लगभग 1.1 करोड़ वर्ग फुट मांग देखी गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 52 प्रतिशत की वृद्धि है.”

गणेश ने आगे कहा कि आगामी तिमाहियों में विकास की गति निरंतर बनी रहने की संभावना है, जिससे 2025 में प्रदर्शन मजबूत रह सकता है.

2025 की पहली छमाही के दौरान थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) कंपनियों ने मांग पर अपना दबदबा बनाए रखा, और लीजिंग गतिविधि का लगभग एक-तिहाई हिस्सा हासिल किया.

इसके साथ ही, इंजीनियरिंग, ई-कॉमर्स और ऑटोमोबाइल जैसे अन्य क्षेत्रों द्वारा भी जगह की खपत मजबूत रही और प्रत्येक क्षेत्र ने 2025 की पहली छमाही के दौरान 2-4 मिलियन वर्ग फुट जगह लीज पर ली.

कोलियर्स इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक और अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा, “3पीएल कंपनियां समग्र मांग में अग्रणी बनी हुई हैं, लेकिन इंजीनियरिंग, ई-कॉमर्स और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों ने पिछली कुछ तिमाहियों में लगातार गति पकड़ी है. इन तीनों क्षेत्रों में से प्रत्येक ने 2025 की पहली छमाही में ग्रेड ए स्पेस की खपत का लगभग 10-20 प्रतिशत हिस्सा लिया.”

एबीएस/