वित्त वर्ष 25 में मजबूत रहेगी इलेक्ट्रिक बसों की मांग

नई दिल्ली, 10 जुलाई केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से क्लीन एनर्जी पर जोर दिए जाने के कारण देश में इलेक्ट्रिक बसों की मांग चालू वित्त वर्ष में मजबूत रह सकती है. बुधवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है.

पिछले साल, सरकार ने पीएम ई-बस सेवा स्कीम लॉन्च की थी. इसके तहत 169 शहरों में 10,000 इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए 2.4 अरब डॉलर का फंड आवंटित किया गया था.

केयरएज रेटिंग्स की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि कमर्शियल वाहनों के मार्केट में छोटी हिस्सेदारी होने के बावजूद भी वित्त वर्ष 21 से लेकर वित्त वर्ष 24 में ईवी सेगमेंट में बढ़त देखने को मिली है.

रिपोर्ट में बताया गया कि सेगमेंट में वृद्धि दर दिखाने वाले इंडिकेटर जैसे ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर, मार्केट शेयर में वृद्धि और ईवी अपनाने की दर में इजाफा हो रहा है. यह बदलाव ई-बस और लाइट कमर्शियल व्हीकल (एलसीवी) कैटेगरी में दिख रहा है.

वित्त वर्ष 24 मे बड़ी इलेक्ट्रिक बस यानी हैवी पैसेंजर व्हीकल (ई-एचपीवी) के पंजीकरण में इजाफा देखने को मिला. इस दौरान करीब 3,400 इलेक्ट्रिक बसों का पंजीकरण हुआ. वित्त वर्ष 21 में यह आंकड़ा 217 यूनिट्स का था.

वहीं, इस दौरान लाइट पैसेंजर व्हीकल (ई-एलपीवी) का पंजीकरण बढ़कर 10,500 यूनिट्स हो गया है जो कि पहले 360 यूनिट्स था.

भारत सरकार की ओर से क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए कई इंसेंटिव दिए जा रहे हैं. इसमें मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल (एफएएमई) स्कीम और नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (एनईएमएमपी) जैसी स्कीमें शामिल हैं.

एबीएस/