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New Delhi, 24 अक्टूबर . दिल्ली के संस्कृति स्कूल के 500 से ज्यादा छात्रों और शिक्षकों ने Friday को नशामुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया.
एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि नशामुक्त स्कूली माहौल बनाने के उद्देश्य से आयोजित यह कार्यक्रम नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), दिल्ली क्षेत्रीय इकाई और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के बीच सहयोग का हिस्सा था.
अधिकारी ने बताया कि एनसीबी-सीबीएसई समझौता ज्ञापन के तहत, देशभर के 100 से ज्यादा स्कूलों को इसी तरह के कार्यक्रम शुरू करने के लिए चिन्हित किया गया है.
यह अभियान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हब-एंड-स्पोक मॉडल अपना रहा है.
अधिकारी ने एक बयान में कहा कि यह पहल जागरूकता, शिक्षा और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से युवा दिमागों को सशक्त बनाकर नशामुक्त India के निर्माण की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनसीबी के उप निदेशक, आईआरएस, डॉ. अनीस सी ने एजेंसी के बहुआयामी प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें प्रवर्तन और क्षमता निर्माण शामिल हैं. इस दौरान छात्रों और शिक्षकों से समाज की सुरक्षा के लिए सतर्क और सक्रिय रहने का आग्रह किया गया.
उन्होंने स्कूल समुदाय को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी से संबंधित जानकारी प्रदान करने और सहायता प्राप्त करने के लिए एनसीबी हेल्पलाइन (टोल फ्री नंबर – 1933) को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहित किया.
सीबीएसई की संयुक्त निदेशक नीति शंकर ने बोर्ड द्वारा कल्याणकारी पहलों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिनमें सीबीएसई-एनसीबी समझौता ज्ञापन, काउंसलिंग हब-एंड-स्पोक मॉडल, पेरेंटिंग कैलेंडर, करियर गाइडलाइन डैशबोर्ड और सीबीएसई-एम्स मेट कार्यक्रम शामिल हैं, जो सभी मनोसामाजिक कल्याण और समग्र छात्र विकास को मजबूत करने के लिए डिजाइन किए गए हैं.
एनसीबी के अधिकारियों ने छात्रों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों, इसके सामाजिक और कानूनी निहितार्थों और सूचित एवं स्वस्थ जीवन विकल्प चुनने के महत्व के बारे में जागरूक किया.
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एमएस/डीकेपी