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New Delhi, 20 नवंबर . Supreme court में 2020 दिल्ली दंगों से जुड़े षड्यंत्र के मामले में शरजील इमाम, उमर खालिद, गुल्फिशा फातिमा, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान और शादाब अहमद की जमानत याचिकाओं पर Thursday को सुनवाई हुई. दिल्ली Police की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच के सामने दलीलें पेश कीं.
दिल्ली Police ने कोर्ट रूम में शरजील इमाम के विवादित भाषणों के कई वीडियो क्लिप चलाए, जिसमें वह देश विरोधी और हिंसा भड़काने की बात करते हुए दिख रहा है.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि शरजील ने मुस्लिम समुदाय को भड़काने की कोशिश की. उनका असली मकसद सीएए का विरोध नहीं, बल्कि केंद्र Government को बदलना और सत्ता परिवर्तन था. एसवी राजू ने कहा कि ठीक उसी समय अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप India आ रहे थे, इसलिए दिल्ली में बड़े स्तर पर हिंसा करवाई गई, ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया इसे कवर करे और India की बदनामी हो.
दिल्ली Police ने दावा किया कि इन आरोपियों ने कई व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए थे, जिनमें दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप, मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू और जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी जैसे ग्रुप शामिल थे. इन ग्रुपों के जरिए चक्का जाम, हिंसक प्रदर्शन और सांप्रदायिक आधार पर लोगों को एकजुट करने का प्लान बनाया गया. राजू ने कहा कि पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी जब आतंकवादी सोच के साथ मैदान में उतरते हैं तो वे जमीन पर काम करने वाले उग्रवादियों से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित होते हैं.
एसवी राजू ने जमानत का विरोध करते हुए साफ कहा कि भले ही कोई आरोपी साढ़े पांच साल से जेल में हो, सिर्फ देरी के आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती. निचली अदालत को सुनवाई जल्द पूरी करने का निर्देश दिया जा सकता है, लेकिन लंबे समय तक जेल में रहना अपने आप में बेल का आधार नहीं बनता.
दूसरी ओर, शरजील इमाम के वकील सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कहा कि दिल्ली Police सिर्फ तीन घंटे लंबे भाषण में से कुछ सेकंड की माइक्रो क्लिप्स दिखा रही है, पूरा संदर्भ नहीं बता रही. चार्जशीट में पूरा वीडियो और उसकी ट्रांसक्रिप्ट पहले ही दाखिल हो चुकी है.
दिल्ली Police ने याद दिलाया कि इस कथित साजिश और दंगों में 59 लोगों की जान गई थी, एक Policeकर्मी की भी हत्या की गई थी, और 530 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. Friday को इस मामले की सुनवाई होगी.
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एसएचके/डीकेपी