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New Delhi, 27 अक्टूबर . दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए Supreme court ने Monday को दिल्ली Police को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि जब पिछली तारीख पर Police को जवाब दाखिल करने का पर्याप्त समय दिया गया था, तो फिर अब तक जवाब क्यों दाखिल नहीं किया गया?
Supreme court ने यह भी कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान उसने स्पष्ट रूप से कहा था कि Monday को मामले की सुनवाई होगी. अदालत ने सवाल किया, “जब याचिकाकर्ता पहले ही 5 साल जेल में बिता चुके हैं, तब भी Police की ओर से जवाब दाखिल न करना बेहद गंभीर लापरवाही है.”
अदालत ने कहा कि अब इस मामले में और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. Supreme court ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 31 अक्टूबर तय की है और तब तक दिल्ली Police को अपना जवाब हर हाल में दाखिल करने का निर्देश दिया है.
यह मामला पहले भी Supreme court में उठ चुका है. दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिकाएं 2 सितंबर को खारिज कर दी गई थीं. Supreme court ने 22 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली Police को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था.
हालांकि, Police की ओर से अब तक कोई जवाब पेश नहीं किया गया, जिससे अदालत ने नाराजगी जाहिर की. अदालत ने साफ कहा कि यह मामला वर्षों से लंबित है और याचिकाकर्ता पहले से ही लंबे समय से जेल में हैं, इसलिए अब इस पर निर्णायक सुनवाई जरूरी है.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि विरोध या प्रदर्शन के नाम पर साजिशन हिंसा को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. अदालत ने माना था कि दंगों की घटनाएं योजनाबद्ध थीं, जिनका उद्देश्य समाज में विभाजन और अशांति फैलाना था.
हाईकोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतर खान, अब्दुल खालिद सैफी और शादाब अहमद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं. वहीं, एक अन्य आरोपी तसलीम अहमद की याचिका भी 2 सितंबर को अलग पीठ ने खारिज की थी.
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वीकेयू/एएस