दिल्ली दंगा: पुलिस ने उमर खालिद की जमानत का किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

New Delhi, 30 अक्टूबर ( ). 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े बड़े साजिश मामले में दिल्ली Police ने Supreme court में हलफनामा दाखिल कर उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध किया है.

Police ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ मजबूत दस्तावेजी और तकनीकी सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि उन्होंने सांप्रदायिक आधार पर पूरे देश में दंगे भड़काने की योजना बनाई थी.

Police के हलफनामे के अनुसार, उमर खालिद और उनके साथियों ने साजिश रची, उसे बढ़ावा दिया और उसे अमल में लाया. इसका मकसद सांप्रदायिक सद्भाव को तोड़कर देश की संप्रभुता और एकता पर हमला करना था. उन्होंने भीड़ को न सिर्फ सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के लिए उकसाया, बल्कि सशस्त्र विद्रोह के लिए भी भड़काया.

चैट और अन्य रिकॉर्ड से साफ है कि यह साजिश डोनाल्ड ट्रंप के India दौरे के समय अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचने और सीएए विरोध को मुस्लिम समुदाय के नरसंहार के रूप में पेश करके इसे वैश्विक मुद्दा बनाने के लिए रची गई थी.

इस पूर्व नियोजित साजिश के परिणामस्वरूप 53 लोगों की मौत हुई और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा. अकेले दिल्ली में 753 First Information Report दर्ज की गईं. सबूत बताते हैं कि इस साजिश को पूरे देश में दोहराने की कोशिश की गई.

Police के मुताबिक, आरोपियों का मकसद सिर्फ Political असहमति जताना नहीं था, बल्कि हिंसा भड़काकर देश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे को नुकसान पहुंचाना था. दंगों की इस आपराधिक साजिश का अंतिम लक्ष्य हिंसा के जरिए शासन परिवर्तन करना था.

Supreme court 31 अक्टूबर को उमर खालिद और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. Police ने हलफनामे में मांग की है कि जमानत याचिकाएं खारिज की जाएं, क्योंकि आरोप गंभीर हैं और सबूत मजबूत हैं.

दिल्ली दंगे फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए थे, जिसमें 53 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए. उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और वे तब से जेल में हैं. कई मानवाधिकार संगठनों ने उनकी गिरफ्तारी को Political बताया है, जबकि Police इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला मानती है.

एसएचके/वीसी