New Delhi, 3 अगस्त . दिल्ली Police आयुक्त का कार्यभार संभालने के तुरंत बाद 1988 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी एसबीके सिंह ने मामलों के आपराधिक मामलों के निपटारे पर असंतोष व्यक्त किया है.
एसबीके सिंह ने विशेष Police आयुक्तों को लिखे एक पत्र में कहा है कि अगली अपराध समीक्षा बैठक में आपराधिक मामलों के त्वरित निपटारे पर चर्चा की जाएगी.
सूत्रों ने बताया कि आयुक्त के पत्र के बाद, दिल्ली के एक जोन ने मामलों के समय पर निपटारे को सुनिश्चित करने के लिए एक समाधान लागू किया है. यह निर्णय लिया गया है कि सभी लंबित मामलों और शिकायतों की बारीकी से निगरानी की जाएगी. जांच अधिकारियों (आईओ) को तीन समूहों में विभाजित किया जाएगा और थाने के सभी तीन निरीक्षक बारीकी से निगरानी के लिए एक-एक समूह की जिम्मेदारी संभालेंगे. पहले, केवल एसएचओ ही निगरानी के लिए जिम्मेदार था, जबकि अन्य दो निरीक्षक क्रमशः कानून-व्यवस्था और जांच का काम संभाल रहे थे.
दिल्ली के Police आयुक्त एसबीके सिंह ने Friday को लिखे पत्र में कहा कि एनसीएल (नए आपराधिक कानून) के अनुपालन की समीक्षा के दौरान, यह पाया गया कि नए कानूनों के तहत निर्धारित 60/90 दिनों की अवधि के भीतर मामलों का निपटारा असंतोषजनक है और इस पर विशेष Police आयुक्तों के व्यक्तिगत ध्यान की आवश्यकता है.
उन्होंने आगे कहा कि अगली अपराध समीक्षा बैठक में स्थिति की समीक्षा की जाएगी. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने को बताया कि यह पत्र कानून-व्यवस्था जोन-1, जोन-2, परिवहन रेंज (मेट्रो, रेलवे और हवाई अड्डा इकाइयों सहित), और एसपीयूडब्ल्यूएसी (महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष सुरक्षा इकाई) के विशेष Police आयुक्तों को भेजा गया है.
उन्होंने आगे कहा कि नई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023, जो दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) का स्थान लेती है, के तहत Police को 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होती है, विशेष मामलों में 180 दिनों तक का विस्तार संभव है.
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पीएके/डीकेपी