नई दिल्ली, 27 दिसंबर . दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और एएनटीएफ (एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स) ने नशा मुक्त भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है. एएनटीएफ के अधिकारियों ने तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया और एक बड़े नार्को सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, जो प्रतिबंधित मादक दवाओं और साइकोट्रोपिक पदार्थों का उत्पादन और वितरण करता था.
इस ऑपरेशन में अल्फ्राजोलम टैबलेट्स, ट्रिप्रोलिडाइन हाइड्रोकोराइड और कोडीन फॉस्फेट सिरप जैसी मादक दवाएं बरामद की गईं. इनकी कुल कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है. इसके अलावा, तस्करी में इस्तेमाल होने वाली पैकेजिंग सामग्री और दवाओं को बनाने वाली मशीनें भी जब्त की गईं.
इस सिंडिकेट के वितरण नेटवर्क का भी खुलासा हुआ है जो दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में फैला हुआ था. बरामद टैबलेट्स उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से लाई गई थीं, जिससे यह पता चलता है कि तस्करी अनेक राज्यों तक फैली आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा थी.
यह कार्रवाई एएनटीएफ द्वारा नशे के कारोबार को रोकने के लिए की गई एक साहसिक और प्रभावी कोशिश थी, जिसके परिणामस्वरूप तीन प्रमुख तस्करों की गिरफ्तारी हुई और मादक पदार्थों की तस्करी पर बड़ी कार्रवाई की गई.
इससे पहले 27 सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर गठजोड़ पर एक बड़ी कार्रवाई की. इस कार्रवाई में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जो ‘सूचीबद्ध आतंकवादी’ अर्श दल्ला और अन्य खतरनाक गैंगस्टरों से जुड़े थे. राज्य पुलिस ने इस छापेमारी में एनआईए को पूरी मदद दी.
एनआईए ने बताया था कि पूरे दिन चले इस ऑपरेशन में कुल 53 स्थानों पर छापे मारे गए थे. छापे पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में मारे गए. इस दौरान पिस्तौल, गोला-बारूद, कई डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक सामग्रियां जब्त की गईं. दल्ला के अलावा, छापों में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, सुक्खा दुनेके, हैरी मौर, नरेंद्र उर्फ लाली, काला जठेरी और दीपक टीनू जैसे नाम भी एनआईए की जांच में शामिल थे.
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एसएचके/एकेजे