दिल्ली जल बोर्ड मामला : अदालत ने धन शोधन के प्रमुख आरोपी की जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस भेजा

नई दिल्ली, 5 अप्रैल . दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली जल बोर्ड में ठेकों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले के एक प्रमुख आरोपी सीए तेजिंदर पाल सिंह की जमानत याचिका पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया.

राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भूपिंदर सिंह ने एजेंसी को जमानत याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को तय की.

अदालत ने गुरुवार को जांच एजेंसी को मामले के संबंध में आरोपियों को आरोपपत्र की एक प्रति देने का निर्देश दिया था.

ईडी ने यहां एक अदालत में दायर अपने आरोपपत्र में दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) की चुनावी फंडिंग के लिए दो करोड़ रुपये से अधिक हस्तांतरित किए गए थे.

आरोपपत्र में जिन लोगों के नाम हैं उनमें दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल, एनबीसीसी के पूर्व महाप्रबंधक डी.के. मित्तल, तेजिंदर पाल सिंह, और एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का नाम है जिसके निदेशक का निधन हो चुका है और इसलिए उन्हें मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है.

अरोड़ा और अग्रवाल, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं, को बुधवार को अदालत द्वारा जारी निर्देशों के बाद अधिकारियों द्वारा अदालत में पेश किया गया, जबकि तेजिंदर पाल सिंह पहले जारी किए गए समन के जवाब में अदालत के सामने पेश हुए. इस बीच, चौथे आरोपी, मित्तल ने एक आवेदन दायर कर उस दिन के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग की.

अदालत ने अगली सुनवाई 20 अप्रैल के लिए तय करते हुए केस से जुड़े दस्तावेजों की जांच के लिए मामला रखा है.

यह मामला फ्लो मीटर खरीद की निविदा में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है.

शुरुआत में, सीबीआई ने दिसंबर 2021 में एक एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर में दावा किया गया है कि अरोड़ा ने तीन अधीनस्थों के साथ मिलकर एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को गलत प्रमाणपत्र जारी करने की साजिश रची.

जुलाई 2022 में सीबीआई ने अरोड़ा और अन्य पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. ईडी ने सितंबर 2022 में केस भी दर्ज किया और बाद में छापेमारी भी की. जनवरी में, अरोड़ा और अग्रवाल को अनुबंध से संबंधित कथित रिश्वतखोरी के लिए ईडी ने गिरफ्तार किया था. अग्रवाल पर अरोड़ा के रिश्तेदारों और सहयोगियों को रिश्वत के तौर पर तीन करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का आरोप है.

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