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दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकारी अधिकारी से जुड़े नाबालिग बलात्कार मामले का लिया स्वत: संज्ञान

नई दिल्ली, 28 अगस्त . दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रेमोदय खाखा नाम के एक निलंबित दिल्ली सरकार के अधिकारी द्वारा 16 वर्षीय लड़की के साथ कथित बलात्कार से जुड़े मामले का स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें आरोपी अधिकारी की पत्‍नी ने गर्भ गिराने के लिए उसे दवा दी थी.

मामले में तीस हजारी अदालत की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पोक्‍सो) ऋचा परिहार ने 23 अगस्त को खाखा और उसकी पत्‍नी की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी थी.

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लिया और मामले को 14 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने और नाबालिग की पहचान की गोपनीयता सुनिश्चित करने और किसी भी खुलासे को रोकने को कहा.

दिल्ली पुलिस ने अदालत को युवा पीड़िता की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति से अवगत कराया, जो इस समय अस्पताल में भर्ती है. उसने बताया कि उसे हाल ही में रविवार को दौरा पड़ा था.

पीठ ने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग से भी स्थिति रिपोर्ट मांगी.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि संस्था ने घटना का संज्ञान लिया है और वह इस मामले में जवाब भी दाखिल करेगी.

खाखा और उनकी पत्नी सीमा रानी को 22 अगस्त को ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कात्यायिनी शर्मा कंडवाल के सामने अलग-अलग पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था.

दिल्ली पुलिस ने 21 अगस्त को दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक के पद से निलंबित 51 वर्षीय खाखा और उसकी पत्नी को उनके आवास पर कई घंटों तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार किया था. यह कदम पीड़िता द्वारा शहर के एक अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराने के बाद उठाया गया.

दंपति बुराड़ी इलाके के शक्ति एन्क्लेव का रहने वाला है. आरोपी ने कथित तौर पर 2020 और 2021 के बीच पीड़िता से बार-बार बलात्कार किया. एक पुलिस सूत्र ने कहा कि आरोपी अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ महीनों तक बलात्कार करता रहा. इस दौरान उसकी पत्नी ने भी कथित तौर पर उसका साथ दिया.

पुलिस सूत्र ने कहा, “चूंकि उसकी पत्नी ने भी इस कृत्य में उसका साथ दिया और पुलिस को मामले की सूचना नहीं दी, इसलिए हमने उसकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर में धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) लगाई है.”

सूत्र ने कहा, “सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब पीड़िता गर्भवती हो गई, तो उसे आरोपी द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई. जब आरोपी ने यह बात अपनी पत्नी को बताई, तो पीड़िता की मदद करने की बजाय, महिला ने अपने बेटे को गर्भपात की गोलियाँ खरीदने के लिए भेजा, जिसे उसने पीड़िता को दे दिया.”

पुलिस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पोक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पीड़िता की आरोपी से मुलाकात एक चर्च में हुई थी. बाद में लड़की से दोस्ती करने के बाद आरोपी उसे मदद करने के बहाने अपने घर ले गया. पीड़िता के पिता का 2020 में निधन हो गया, जिसके बाद वह डिप्रेशन में चली गई.

एकेजे

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