नई दिल्ली, 21 फरवरी . दिल्ली उच्च न्यायालय ने गीतांजलि सैलून को जरूरी लाइसेंस प्राप्त किए बिना फोनोग्राफ़िक परफॉर्मेंस लिमिटेड (पीपीएल) के कॉपीराइट गाने चलाने से रोक दिया है.
न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने पीपीएल के कॉपीराइट उल्लंघन के आरोपों के जवाब में वादी द्वारा प्रस्तुत प्रथम दृष्टया मामले और इससे होने वाली संभावित क्षति का हवाला देते हुए एक पक्षीय अंतरिम आदेश पारित किया.
अदालत का आदेश स्पष्ट रूप से गीतांजलि सैलून, उसके निदेशकों, साझेदारों, मालिकों और उनकी ओर से काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को पीपीएल के कॉपीराइट कार्यों का उपयोग करने से रोकता है, जैसा कि वादी की वेबसाइट पर सूचीबद्ध है.
पीपीएल ने गीतांजलि सैलून के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया कि सैलून श्रृंखला आवश्यक लाइसेंस प्राप्त किए बिना कॉपीराइट गाने बजा रही थी, इस प्रकार यह उल्लंघन है.
वादी ने पीपीएल के गानों के अनधिकृत उपयोग के आरोपी 25 गीतांजलि सैलून के बारे में विशिष्ट विवरण प्रदान किया.
निरोधक आदेश देकर अदालत ने कॉपीराइट सामग्री के अनधिकृत उपयोग के परिणामों के बारे में एक स्पष्ट संदेश भेजते हुए पीपीएल जैसे कॉपीराइट धारकों के हितों की रक्षा की है.
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एसएचके/एबीएम