नई दिल्ली, 4 अप्रैल . दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) को 2009 के एसिड अटैक में बचे दो पीड़ितों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है.
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने एसिड हमला करने के आरोपी दो लोगों को बरी करने के फैसले को बरकरार रखते हुए यह आदेश पारित किया.
अदालत ने कहा कि पीड़ितों पर एसिड फेंकने के अपराध के हमलावर की पहचान स्थापित नहीं की गई है, तो अदालत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकती कि पीड़ितों को गंभीर चोटें आई हैं, जिसके निशान जीवन भर उनके साथ रहेंगे.”
इसके अलावा, अदालत ने डीएसएलएसए को बचे लोगों के लिए दिल्ली सरकार के किसी भी विभाग में नौकरी तलाशने को कहा है.
अदालत ने डीएसएलएसए से कहा कि वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जीवित बचे लोगों की मेडिकल जांच की सुविधा प्रदान करे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि भविष्य में उन्हें किस चिकित्सा उपचार की जरूरत हो सकती है.
इस दर्दनाक घटना में दोनों को अत्यधिक पीड़ा हुई. उनकी दोनों आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई और उन्हें विकृति और विकलांगता का भी सामना करना पड़ा
ट्रायल कोर्ट ने 2012 में आरोपियों को बरी कर दिया था. इसके बाद पीड़ितों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
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