नई दिल्ली, 12 मार्च . दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस प्रमुख से जेल से कैदियों की रिहाई के लिए जमा किए गए स्थानीय जमानत बांड का तेजी से सत्यापन और वापसी सुनिश्चित करने को कहा है.
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंहदीरत्ता ने स्वतंत्रता के अधिकार का हवाला देते हुए जमानत हासिल करने के बावजूद आरोपी व्यक्तियों की लंबे समय तक हिरासत पर चिंताओं के जवाब में निर्देश जारी किया.
अदालत ने कैदियों की रिहाई में ‘गैरकानूनी देरी’ पर निराशा जताई. अदालत ने अनावश्यक आपत्तियों के बिना जमानत बांड पर जल्द विचार करने की जरूरत पर जोर दिया.
जानकारी के अनुसार, मामला एक ऐसे व्यक्ति का है, जिसे अंतरिम जमानत दी गई थी. लेकिन वह पहले जमानत मिलने के बावजूद रिहाई की मांग करने वाली याचिका दायर करने तक हिरासत में रहा. राज्य ने देरी के लिए जमानतदारों पर सत्यापन रिपोर्ट की देर से प्राप्ति को जिम्मेदार ठहराया.
अदालत ने कहा कि यह राज्य का दायित्व है कि वह बिना किसी बाधा या देरी के जमानत आदेशों के बाद आरोपी व्यक्तियों की जल्द रिहाई सुनिश्चित करे. अदालत ने कहा कि जमानत बांड सत्यापन में दो सप्ताह से अधिक की देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती.
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एफजेड/एसजीके