New Delhi, 29 जुलाई . दिल्ली में महिलाओं को सशक्त करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए रेखा गुप्ता सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. दिल्ली में महिलाओं को दुकानों/वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट (24×7, रात्रि पाली) में कार्य करने की छूट दी जा रही है.
यह निर्णय इस क्षेत्र के कार्यबल (वर्क फोर्स) में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाएगा. साथ ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी बढ़ावा देगा. Chief Minister का कहना है कि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान किए जा रहे हैं, जिनमें रात की ड्यूटी के दौरान परिवहन की व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे, पर्याप्त सुरक्षा गार्ड की तैनाती आदि शामिल हैं. देश के कुछ राज्यों में महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की छूट मिली हुई है. Chief Minister के अनुसार सरकार का यह निर्णय दिल्ली को 24×7 बिजनेस हब बनाने में मदद करेगा.
सीएम ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि उपराज्यपाल की स्वीकृति के लिए यह प्रस्ताव उन्हें शीघ्र भेजा जा रहा है. इस विषय पर उपराज्यपाल से पहले चर्चा हो चुकी है. इसे लागू करने के लिए दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम-1954 में छूट दी जा रही है. इस अधिनियम की धारा 14, 15 एवं 16 के अनुसार महिलाओं को (गर्मी के मौसम में) रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक व (सर्दी के मौसम में) रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कार्य करने की अनुमति नहीं है, लेकिन अब इसमें परिवर्तन कर दिया गया है.
सीएम ने जानकारी दी कि महिला कल्याण हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है. हम विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कामकाजी महिलाओं के आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कार्य कर रहे हैं. हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु आदि में यह छूट पहले से ही जारी है. अब इसे देश की राजधानी दिल्ली में भी लागू किया जा रहा है, क्योंकि दिल्ली सरकार महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को अपनी नीति की केंद्रीय प्राथमिकता मानती है.
सीएम ने बताया कि दुकानों/वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में महिलाओं को नाइट शिफ्ट (24×7) में कार्य करने की छूट में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी या तनाव न हो, इसके लिए कड़े प्रावधान (शर्तें) लागू की जा रही हैं. महिलाओं को रात्रि पाली में रखने से पहले उनकी लिखित सहमति लेना जरूरी होगा, कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड और सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था अनिवार्य होगी. इसके अलावा महिला जहां काम करेगी, वहां पर कंपनी को यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के तहत आंतरिक शिकायत समिति बनानी होगी.
उन्होंने बताया कि साथ ही महिलाओं के लिए रेस्ट रूम, टॉयलेट, लॉकर आदि की सुविधा भी उपलब्ध करानी होगी. नियम यह भी बनाया गया है कि महिलाओं को वेतन का भुगतान बैंक/ईसीएस से होना चाहिए. शर्तों में ईएसआई, बोनस, भविष्य निधि आदि सभी कानूनी लाभ प्रदान करना, साप्ताहिक अवकाश व ओवरटाइम का भुगतान भी शामिल है. सरकार का यह निर्णय दिल्ली को 24×7 बिजनेस हब बनाने में मददगार तो होगा ही, साथ ही महिलाओं की वर्कफोर्स में भागीदारी को भी बढ़ाएगा और दिल्ली को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देगा.
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एससीएच/डीएससी