नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . दिल्ली के लोगों को मुफ्त पानी और बिजली देने वाली राज्य की सरकार घाटे में चल रही है. अगर समय रहते स्थिति नहीं सुधरी कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिल सकेगा.
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने गुरुवार को से कहा, “यह सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है. अरविंद केजरीवाल अपने भाषण में कहते थे कि अगर ईमानदारी से काम किया जाए तो सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं होती है. लेकिन, दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार के कारण इतिहास में पहली बार राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है, ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ था. दिल्ली एक राजधानी है और यहां पर केंद्र द्वारा भी बहुत पैसा मिलता है.”
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अगर यहां पर घाटा हो जाए तो यह “दुर्भाग्यपूर्ण” है. दिल्ली में डीटीसी घाटे में चली गई है. जल बोर्ड घाटे में है. सड़क की मरम्मत के लिए पैसा नहीं है. सड़कों की लाइट ठीक कराने के लिए पैसे नहीं हैं. यहां तक कि कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं. महज दो माह का पैसा दिल्ली सरकार के पास बचा है.
भाजपा नेता ने कहा कि दिल्ली की यह स्थिति दिखाती है कि किस स्तर पर राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार किया है. अरविंद केजरीवाल के लॉजिक से सरकार ईमानदार हो तो पैसे की कोई कमी नहीं होती है. इससे सिद्ध हो गया है कि सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और दिल्ली आज इसकी कीमत चुका रही है.
कपिल मिश्रा ने कहा, “यह केवल 7000 करोड़ रुपये का घाटा नहीं है. यह तो राजकोषीय घाटा है जो सरकार का है. इसके अलावा जल बोर्ड 70 हजार करोड़ रुपये के घाटे में जा चुका है, डीटीसी का निजीकरण हो चुका है. घाटा अभी इतना नहीं है जितना दिखाया जा रहा है. घाटा कई लाख करोड़ का हो चुका है. यह घाटा बिजली और पानी मुफ्त देने के कारण नहीं हुआ है, यह घाटा भ्रष्टाचार और लूट की कारण हुआ है.
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डीकेएम/एकेजे