दिल्ली सरकार ने 13 साल बाद प्रदूषण जांच दरों में की बढ़ोत्तरी

नई दिल्ली, 11 जुलाई . दिल्ली सरकार ने प्रदूषण जांच दरों को बढ़ा दिया है. सरकार के मुताबिक बीते 13 साल से दाम नहीं बढ़े थे. दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की मांग और इस बात को ध्यान में रखते हुए कि 2011 से प्रदूषण जांच दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया है, दिल्ली सरकार ने वाहनों की प्रदूषण जांच की दरों में वृद्धि की घोषणा की है. नई दरें सरकार द्वारा अधिसूचित होते ही लागू हो जाएगी.

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की लंबे समय से लंबित मांगों के मद्देनजर और प्रदूषण जांच सेवाओं की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए, हमने दरों में संशोधन करने का निर्णय लिया है. यह संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि प्रदूषण जांच स्टेशन कुशलतापूर्वक काम करना जारी रख सकें और जनता को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर सकें. हम दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सभी वाहन आवश्यक प्रदूषण मानकों को पूरा करें.

पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी (जैव ईंधन सहित) दो और तीन पहिया वाहनों के लिए जांच का शुल्क अब 80 रुपये होगा. पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी (जैव-ईंधन सहित) चार पहिया वाहनों और उससे ऊपर की श्रेणियों के लिए 110 रुपये दाम होंगे. इसके साथ ही डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए 140 रुपये दाम तय किया गया है. 2011 में जब दाम बढ़े थे, तब से अब तक उसकी कीमत 60 रुपया, 80 रुपया, और 100 रुपया है. इससे पहले 2005 से 2011 तक कीमत 35 रुपये, 45 रुपये और 60 रुपये रखी गई थी.

दिल्ली सरकार के मुताबिक 2011 से प्रदूषण जांच दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया था, इसको लेकर दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन प्रदूषण जांच शुल्क में वृद्धि की मांग लगातार करता रहा है. 20 जून को परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के साथ दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें उन्होंने शुल्क बढ़ाने की अपनी मांग को दोहराया था. जिस पर परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया था कि आम जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा.

पीकेटी/एबीएम