नई दिल्ली, 16 अप्रैल . दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने बुधवार को किलोकरी स्थित बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) का दौरा किया. इस दौरान मंत्री ने बीएसईएस अधिकारियों के साथ पावर ग्रिड का निरीक्षण किया.
आशीष सूद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “बहुत जल्द यह बैटरी बैंक औपचारिक रूप से जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. यह एक नई तकनीक है, जिसमें ग्रिड से बिजली बैटरी बैंक में संग्रहित होगी और बाद में, एक बड़े औद्योगिक इन्वर्टर के माध्यम से, ग्रिड या बुनियादी ढांचे के फेल होने पर इसका उपयोग किया जाएगा. हमारी सरकार बिजली ढांचे के आधुनिकीकरण और सुरक्षा के साथ विश्वसनीय बिजली आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है. दिल्ली में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है. इसे नियंत्रित करने के लिए इस तरह के पावर बैंक बनाए जा रहे हैं. यह हमारा पहला प्रयोग है, जिसकी शुरुआत जल्द होगी.”
उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस वर्षों में दिल्ली के बिजली ढांचे का आधुनिकीकरण नहीं हुआ. हमारी सरकार इसे गंभीरता से ले रही है. हम ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में नई तकनीकों, प्रभावी ढांचे और विश्वस्तरीय सुरक्षा मानकों के साथ विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम केवल 50-60 दिन पुरानी सरकार हैं, लेकिन हम दृढ़ संकल्प के साथ बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए काम कर रहे हैं. हर क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार, आधुनिकीकरण किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि चुनाव के समय से ही भ्रम फैलाया जा रहा था कि भाजपा सरकार आएगी तो बिजली सब्सिडी बंद कर देगी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आदेश पर कैबिनेट ने बिजली सब्सिडी को जारी रखने का फैसला लिया है, यह जारी रहेगी. जो लोग बिजली संकट की झूठी कहानियां गढ़ रहे हैं, उन्हें यह आधुनिक ढांचा और तथ्य दिखाएं.
बता दें कि दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में 15 अप्रैल को दिल्ली सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस बैठक में बिजली सब्सिडी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था. बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा था कि कैबिनेट ने चार प्रमुख वर्गों के लिए बिजली सब्सिडी जारी रखने का निर्णय लिया है. इसमें किसानों, 1984 सिख दंगा पीड़ितों, मौजूदा घरेलू उपभोक्ताओं और वकीलों के चेंबर से जुड़े उपभोक्ताओं को मिलने वाली सब्सिडी शामिल है.
उन्होंने कहा था कि विपक्ष की ओर से सब्सिडी खत्म होने की अफवाहें पूरी तरह बेबुनियाद हैं, और यह फैसला उन सभी दावों का जवाब है.
–
एफजेड/