दिल्ली चुनाव 2025 : क्या बाबरपुर से जीत की हैट्रिक लगाएंगे गोपाल राय, जानें उनका राजनीतिक सफर

नई दिल्ली, 23 जनवरी . दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय बाबरपुर विधानसभा सीट से आगामी चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार के रूप में एक बार अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं. उनका राजनीतिक सफर जनसेवा के प्रति उनके समर्पण और संघर्ष का परिचायक रहा है. उन्होंने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में बाबरपुर से जीत हासिल की थी और पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता जा रहा है. वह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं.

गोपाल राय का जन्म 10 मई 1975 को उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम विजय शंकर राय है. गोपाल राय ने अंजना राय से विवाह किया है, जो एक गृहणी हैं.

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मऊ से पूरी की और फिर लखनऊ विश्वविद्यालय से सोशियोलॉजी में मास्टर डिग्री की. छात्र जीवन में वह राजनीति से जुड़ गए और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के साथ छात्र आंदोलन में भाग लिया. इसी दौरान 18 जनवरी 1999 को उन्हें गोली लगी थी, जो उनकी गर्दन की हड्डी में फंस गई थी.

गोपाल राय ने दिल्ली की राजनीति में 10 साल बाद अपनी पहचान बनाई. उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई. आंदोलनों में उनकी भागीदारी ने उन्हें दिल्ली के राजनीतिक मंच पर पहचान दिलाई. इसके बाद आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई और वह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.

दिल्ली में साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में गोपाल राय ने पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, हार के बावजूद उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहकर पार्टी के लिए कार्य किया. साल 2015 के चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर उन्हें बाबरपुर से टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की. इसके बाद 2020 में गोपाल राय ने दोबारा बाबरपुर से चुनाव जीता और उन्हें पर्यावरण, विकास और सामान्य प्रशासन विभाग का मंत्री बनाया गया.

मंत्री पद पर रहते हुए राय ने पार्टी के वादों को पूरा किया, खास तौर पर दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की, जिसे ऐतिहासिक कदम माना गया. मजदूरों की दुर्दशा को संबोधित करते हुए उन्होंने अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की. मई 2017 में दिल्ली संयोजक नियुक्त किए जाने पर गोपाल राय ने राज्य में संगठनात्मक सुधार शुरू किए और आम आदमी पार्टी के विकास में योगदान दिया.

पीएसके/एकेजे