दिल्ली चुनाव 2025 : कांग्रेस का गढ़ रहे सुल्तानपुर माजरा में ‘आप’ को हैट्रिक और भाजपा को पहली जीत की तलाश

नई दिल्ली, 17 जनवरी . ‘इंडिया’ ब्लॉक के दो प्रमुख घटक दल कांग्रेस और आप के अलग-अलग लड़ने के फैसले ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को त्रिकोणीय रूप दे दिया है. भाजपा, कांग्रेस और आप सभी 70 विधानसभा सीटों में से एक-एक के लिए संघर्ष कर रही हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ‘सुल्तानपुर माजरा’ विधानसभा सीट पर पिछले चार चुनावों में दो बार कांग्रेस और दो बार ‘आप’ ने जीत दर्ज की है.

‘आम आदमी पार्टी’ दिल्ली में एक बार फिर सत्ता बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगा रही है. वहीं पिछले दो चुनावों में खाता नहीं खोल पाने वाली देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपना खोया जनाधार वापस पाना चाहती है. केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी लंबे अर्से बाद दिल्ली की सत्ता का स्वाद चखने के लिए बेताब है.

‘सुल्तानपुर माजरा’ विधानसभा के अंतर्गत तीन वार्ड मंगोल पुरी (वार्ड-42), सुल्तानपुरी-ए (वार्ड-43) और सुल्तानपुरी-बी (वार्ड-44) शामिल हैं. चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 1,86,233 है, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 97,797 और महिला मतदाताओं की संख्या 88,382 है. वहीं 54 थर्ड जेंडर के वोटर्स भी हैं.

‘सुल्तानपुर माजरा’ सीट पर अनुसूचित जातियों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों का बोलबाला है. दिल्ली में कुल 12 आरक्षित सीटें हैं जिनमें मंगोलपुरी, मादीपुर, सीमापुरी, त्रिलोकपुरी, गोकुलपुर, बवाना, पटेल नगर, कोंडली, अंबेडकर नगर, देवली और करोल बाग विधानसभा शामिल हैं.

इस विधानसभा क्षेत्र के चारों तरफ औद्योगिक क्षेत्र है, जिसके कारण यहां पर अधिक संख्या में प्रवासी रहते हैं. क्षेत्र में सुल्तानपुरी, मंगोलपुरी और रोहिणी का कुछ हिस्सा जुड़ा हुआ है. सुल्तानपुर माजरा में अधिक संख्या में जेजे क्लस्टर और झुग्गी झोपड़ी भी हैं. क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों की बात करें तो टूटी सड़कें, गंदा पानी, ट्रैफिक की समस्या और सड़कों पर आवारा पशुओं की मौजदूगी का लोगों को सामना करना पड़ता है. बारिश के मौसम में यहां पर कीचड़ की स्थिति नागरिकों को परेशान करती है.

यहां पर 1993 से चुनाव कराए जा रहे हैं. हालांकि, यहां भाजपा को आज तक जीत नसीब नहीं हुई है. साल 1993, 1998, 2003, 2008 और 2013 में कांग्रेस ने लगातार पांच जीत हासिल की. यह सीट 2008 में आरक्षित हुई. यहां मुकाबला रोमांचक बना लेकिन, कांग्रेस ने आसानी से जीत दर्ज की. वहीं, पहली बार चुनावी अस्तित्व में आने के बाद ‘आप’ ने 2013 में अपना प्रत्याशी उतारा, जिससे समीकरण बदला. फिर भी नतीजे कांग्रेस के पक्ष में रहे.

साल 2015 में ‘आप’ को ‘सुल्तानपुर माजरा’ से पहली जीत नसीब हुई. ‘आप’ की आंधी में विपक्षी पार्टियों को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. ‘आप’ प्रत्याशी संदीप कुमार 80,269 वोट के साथ नंबर वन पर रहे. दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी प्रभु दयाल रहे, जिन्हें 15,830 वोट मिले. वहीं, तीसरे नंबर पर कांग्रेस के जय किशन को 15,036 वोट मिले.

साल 2020 में ‘आप’ ने प्रत्याशी बदलते हुए जीत को दोहराया. ‘आप’ प्रत्याशी मुकेश कुमार अहलावत को 74,573 वोट मिले. दूसरे नंबर पर भाजपा के रामचंद्र चावरिया रहे, जिनको 26,521 वोट मिले. कांग्रेस 9,033 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रही.

इस बार आप ने मौजूदा विधायक मुकेश कुमार अहलावत पर ही भरोसा जताया है. आप इस बार जीत की हैट्रिक लगाना चाहेगी. कांग्रेस ने अपनी परंपरागत सीट पर वापसी के लिए पूर्व विधायक जयकिशन पर दांव चला है, जबकि कर्म सिंह कर्मा के भरोसे भाजपा ‘सुल्तानपुर माजरा’ से पहली जीत का स्वाद चखना चाहती है.

एससीएच/एकेजे