दिल्ली चुनाव 2025 : देवली में आप के विजय रथ को रोक पाएगी कांग्रेस और भाजपा?

नई दिल्ली, 17 जनवरी . दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को होना है. 70 विधानसभा वाली दिल्ली में कई सीटें ऐसी भी हैं जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इन्हीं में से एक है देवली (एससी) विधानसभा सीट, जहां सत्तारूढ़ दल आप का कांग्रेस और भाजपा से कड़ा मुकाबला है.

देवली विधानसभा सीट दक्षिण जिले में आती है, जो दक्षिण दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का भी हिस्सा है. दक्षिण दिल्ली लोकसभा में 10 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें देवली के अलावा बिजवासन, संगम विहार, अंबेडकर नगर, छतरपुर, कालकाजी, तुगलकाबाद, पालम, बदरपुर और महरौली शामिल हैं. यह क्षेत्र खानपुर, सैनिक फार्म और संगम विहार से घिरा हुआ है.

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित देवली विधानसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. इस सीट पर साल 2008 से 2020 तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें तीन बार आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस सिर्फ एक बार 2008 में जीत दर्ज कर पाई है. साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आप को पहली बार जीत मिली थी. आप ने 2013, 2015 और 2020 चुनाव में इस सीट पर हैट्रिक लगाई.

देवली सीट पर एससी, जाट और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. यहां मुस्लिम 12.2 फीसद और ईसाई 0.5 फीसद हैं. इसके अलावा यहां ब्राह्मण वोटरों की आबादी भी अच्छी तादाद में है.

आम आदमी पार्टी ने इस सीट से वर्तमान विधायक प्रकाश जरवाल का टिकट काट दिया है. प्रकाश जरवाल की जगह आप ने प्रेम कुमार चौहान को टिकट दिया है. इसके अलावा कांग्रेस ने राजेश चौहान पर दांव चला है. वहीं, भाजपा ने देवली सीट एलजेपी (रामविलास) के लिए छोड़ी है, इस बार यहां से उनका उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है.

साल 2020 के चुनाव में आप के प्रकाश जरवाल ने 92,575 वोट के साथ जीत हासिल की थी. उनका वोट शेयर 61.59 फीसद था. दूसरे नंबर पर भाजपा के अरविंद कुमार रहे थे, जिन्हें 52,402 वोट मिले और वोट शेयर 34.86 फीसद था. इसके अलावा कांग्रेस के अरविंदर सिंह 1.80 फीसद वोट शेयर के साथ 2,711 मिले थे.

देवली विधानसभा में कुल मतदाता 2,62,434 हैं. यहां पुरुष मतदाता 1,43,183, महिला मतदाता 1,19,221 और 30 थर्ड जेंडर वोटर है.

एफएम/एकेजे