दिल्ली की अदालत ने पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी के आरोप तय करने का आदेश दिया

नई दिल्ली, 10 मई दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में शुक्रवार को भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए बल प्रयोग और आपराधिक धमकी के आरोप तय करने का आदेश दिया.

हाल ही में, अदालत ने बृज भूषण शरण सिंह के एक आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें एक कथित घटना की तारीख – 7 सितंबर, 2022 – पर उनके ठिकाने से संबंधित सबूतों की आगे की जांच की मांग की गई थी.

याचिका में कथित तौर पर घटना के समय विदेश में होने के उनके दावों की विस्तृत जांच की मांग की गई थी. आवेदन में यह भी मांग की गई थी कि दिल्ली पुलिस कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) पेश करे.

दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने आवेदन का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि अनुरोध का समय रणनीतिक था और मामले को लम्बा खींचने का इरादा था. उन्होंने इस स्तर पर जांच को फिर से खोलने के संभावित कानूनी प्रभावों पर जोर दिया था.

शिकायतकर्ताओं के वकील ने कार्यवाही में देरी करने की रणनीति के रूप में आवेदन की आलोचना की थी. उन्होंने तर्क दिया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 207 के तहत आवश्यक दस्तावेज पहले ही हासिल किये जाने चाहिए थे, जो अभियुक्तों के साक्ष्य के संचार से संबंधित है.

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