नई दिल्ली, 28 फरवरी . दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल को एक डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोषी करार दिया. दक्षिणी दिल्ली के डॉक्टर ने साल 2020 में आत्महत्या कर ली थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने यह आदेश सुनाया है.
साल 2021 में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जारवाल और उनके सहयोगी कपिल नागर के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए थे, जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाना, आपराधिक साजिश, जबरन वसूली, आपराधिक धमकी और सामान्य इरादा शामिल था.
एक अन्य आरोपी हरीश को कुछ आरोपों से बरी कर दिया गया, लेकिन उसे आपराधिक धमकी के लिए जवाबदेह ठहराया गया.
18 अप्रैल 2020 को डॉ. राजेंद्र सिंह (52) ने आत्महत्या कर ली थी. पुलिस को मिले कथित सुसाइड नोट में आप नेता प्रकाश जारवाल को इसके लिए जिम्मेदार बताया गया था. नोट में जारवाल पर जबरन वसूली का भी आरोप लगाया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, यह डॉक्टर टैंकर सप्लाई का भी कारोबार करते थे. आरोप लगाया गया कि टैंकर सप्लाई के कारोबार में ही उनसे जबरन वसूली करते हुए उन्हें काफी हद तक परेशान किया गया था, जिसके बाद उन्हें खुदकुशी जैसा कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा था.
अदालत परिसर के बाहर जारवाल के वकील रवि द्राल ने कहा, “चार साल बाद जरवाल को दोषी ठहराया गया है. मुकदमे के दौरान कई गवाह मुकर गए और जिन लोगों से जिरह की गई, उनके बयान गलत साबित हुए. इसके बाद भी कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है. हमें न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और हम इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.”
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एफजेड/एसजीके