बृजभूषण सिंह के खिलाफ पोक्सो मामले में दिल्ली की अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार की

नई दिल्ली, 26 मई . दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और भाजपा नेता बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली. पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) गोमती मनोचा ने कहा कि क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है.

इससे पहले 17 मई को एएसजे मनोचा ने उस पहलवान को तलब किया था, जिसने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कोर्ट ने उसे 26 मई को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था. पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट 15 जून 2023 को दायर की गई थी, जिसका शिकायतकर्ता ने विरोध नहीं किया था.

पीड़िता और उसके पिता ने 1 अगस्त 2023 को पुलिस जांच पर संतोष व्यक्त किया और मामले में पुलिस की रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताई. एडीजे छवि कपूर के समक्ष बंद कमरे में उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया था. अदालत ने 4 जुलाई 2023 को पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता से जवाब मांगा था.

पटियाला हाउस कोर्ट में पुलिस की ओर से दाखिल 550 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया था कि नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला.

दिल्ली पुलिस ने कहा, “पोक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने सीआरपीसी की धारा 173 के तहत एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को बंद करने का अनुरोध किया गया है.”

नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत भी एफआईआर दर्ज की गई थी.

हालांकि, नाबालिग पहलवान के पिता ने बाद में दावा किया कि उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा था कि उनकी यह कार्रवाई डब्ल्यूएफआई प्रमुख द्वारा उनकी बेटी के प्रति कथित पक्षपातपूर्ण व्यवहार के कारण उत्पन्न क्रोध और हताशा से प्रेरित थी.

सूत्रों के अनुसार, नाबालिग द्वारा सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अदालत के समक्ष दूसरा बयान दर्ज कराया गया, जिसमें उसने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप नहीं लगाया.

दिल्ली पुलिस ने पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के आधार पर दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थीं.

पीएसके/एकेजे