नई दिल्ली, 2 अगस्त . आईपीएल की फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक अब जल्द ही इंग्लैंड में भी अपनी एक टीम बनाएंगे . जानकारी के अनुसार दिल्ली की फ्रेंचाइजी हैम्पशायर काउंटी टीम में बड़ी हिस्सेदारी खरीद सकती है, जिसके लिए वो करीब 120 मिलियन पाउंड (जो 1278 करोड़ रुपये है) खर्च करेगी.
अगर यह मुमकिन होता है, तो ये पहली बार होगा जब इंग्लैंड में किसी काउंटी क्लब का मालिकाना हक किसी विदेशी फ्रेंचाइजी के पास होगा.
द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में बताया गया है, “इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड को अनुमोदन के लिए भेजे गए समझौते की शर्तों के तहत, जीएमआर ग्रुप हैम्पशायर का पूर्ण स्वामित्व और सदर्न ब्रेव में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए तैयार है, जिसमें हंड्रेड फ्रेंचाइजी का 100 प्रतिशत अधिग्रहण पूरा करने का विकल्प भी शामिल है.”
दिल्ली कैपिटल्स के अलावा लखनऊ सुपरजाइंट्स की टीम भी हैम्पशायर को खरीदने की इच्छुक थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि जीएमआर ग्रुप ने प्रतिद्वंद्वी आईपीएल फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जायंट्स को बोली में हरा दिया है. यह इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा आठ हंड्रेड टीमों में हिस्सेदारी बेचने से पहले हुआ है, जहां बोर्ड 49 फीसदी शेयर बेचने को तैयार है.
आईपीएल और महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में दिल्ली पक्षों में 50% हिस्सेदारी रखने के अलावा, जीएमआर ग्रुप के पास दुबई कैपिटल्स, आईएलटी20 में प्रतिस्पर्धा करने वाली यूएई-आधारित फ्रेंचाइजी टीम और सिएटल ऑर्कस में भी हिस्सेदारी है, जिसने हाल ही में मेजर क्रिकेट लीग (एमएलसी) के दूसरे सीजन में भाग लिया था.
हैम्पशायर के अधिग्रहण का सौदा हो जाने के बाद, जीएमआर ग्रुप को यूटिलिटा बाउल (साउथेम्प्टन बाउल क्रिकेट स्टेडियम), हिल्टन होटल (स्टेडियम के बगल में) और एक गोल्फ कोर्स, सभी एक ही जगह पर मौजूद, का नियंत्रण मिल जाएगा. इस स्थल पर 2027, 2029 और 2030 में इंग्लैंड के टेस्ट मैच और 2025 से 2031 तक आठ सफ़ेद गेंद वाले अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित किए जाने हैं.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजस्थान रॉयल्स (आरआर) ने हेडिंग्ले स्थित क्लब के संभावित अधिग्रहण के बारे में यॉर्कशायर के साथ चर्चा फिर से शुरू कर दी है, जिसके अध्यक्ष कॉलिन ग्रेव्स हैं. लेकिन संभावित सौदे को आगे बढ़ाने के लिए 6,000 यॉर्कशायर सदस्यों को मतपत्र प्रणाली के माध्यम से मतदान करना होगा, जिसमें सौदे को मंजूरी देने के लिए बहुमत 75% है.
हालांकि, आईपीएल फ्रेंचाइजियों की काउंटी टीम के साथ डील करने की ये कोशिश कामयाब होती है या नहीं, ये बाद की बात है लेकिन एक चीज साफ है कि इससे आईपीएल टीमों का दबदबा अब दुनियाभर के हर घरेलू टूर्नामेंट में दिखाई दे रहा है.
–
एएमजे/आरआर