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सूरत, 12 नवंबर . ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमेर अहमद इलियासी ने दिल्ली बम धमाके पर दुख और संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि देशभर की साढ़े पांच लाख मस्जिदों में इमामों द्वारा खुत्बा (नमाज से पहले या बाद में दिया जाने वाला उपदेश) दिया जाएगा और घटना में मारे गए निर्दोष लोगों की आत्मा की शांति के लिए दुआएं की जाएंगी.
इलियासी ने से बातचीत में कहा कि यह घटना पहलगाम हमले जैसी ही है और देश की आत्मा पर सीधा प्रहार है. यह कृत्य हमारे राष्ट्र की एकता और शांति को तोड़ने के लिए की गई उन साजिशों का हिस्सा है, जो कभी-कभी पड़ोसी देशों और राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा प्रेरित होती हैं.
उन्होंने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में जो विकास और प्रगति का रास्ता देश ने अपनाया है, उससे कुछ कट्टर और विरोधी ताकतें खुश नहीं हैं पर इस हमले को किसी धर्म से जोड़ा जाना ठीक नहीं है.
इलियासी ने आतंकवादी घटनाओं में मुस्लिम समाज के पढ़े-लिखे लोगों का नाम आने पर दुख प्रकट किया. उन्होंने कहा कि ‘सोच-समझकर’ लोगों को गुमराह किया जा रहा है और अब राष्ट्रविरोधी तत्व पढ़े-लिखे लोगों को भी प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने मुस्लिम समाज और मुस्लिम संगठनों से अपील की कि वे सार्वजनिक रूप से आगे आएं और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं, ताकि ऐसी घटनाओं के पीछे के कारणों और भड़काऊ दुष्प्रचार का सामना मिलकर किया जा सके.
मुख्य इमाम ने कहा कि इस्लाम का संदेश जीवन की रक्षा और हुक्मरानी का नहीं बल्कि ‘इंसानियत’ की रक्षा का है. इस्लाम बचाने का नाम है, मारने का नहीं. यह संदेश समुदायों तक पहुंचाना आवश्यक है.
बाबा बागेश्वर की पदयात्रा पर टिप्पणी करते हुए इलियासी ने कहा कि धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं. यह पदयात्रा राष्ट्र के हित में एक जोड़ने वाली पहल है और इसका विरोध नहीं होना चाहिए.
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एएसएच/वीसी