नई दिल्ली, 21 जनवरी . दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिहाज से अहम गोकलपुर विधानसभा सीट को 2008 में परिसीमन आयोग द्वारा पुनर्गठन कर बनाया गया था.
राजनीतिक दृष्टि से मतदाता के रूप में इस सीट पर गुज्जर, पंडित, राजपूत और सैन समुदाय के लोग अहम भूमिका निभाते हैं. 2008 में यहां पहली बार चुनाव हुए थे, तब बहुजन समाज पार्टी के सुरेंद्र कुमार ने जीत का परचम लहराया था. इस चुनाव में कांग्रेस दूसरे और भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी. यह सीट नॉर्थ ईस्ट दिल्ली का हिस्सा है.
वहीं, 2025 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर ईश्वर बागरी को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने प्रवीण निमेष को और आम आदमी पार्टी ने सुरेंद्र कुमार पर भरोसा जताया है.
उधर, इस सीट पर 2020 में हुए चुनाव की बात करें, तो यहां कुल आठ प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हुआ था. चुनाव में आम आदमी पार्टी के सुरेंद्र कुमार ने भाजपा के रणजीत सिंह को हार का मुंह दिखाया था और बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार तीसरे स्थान पर था.
2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के फतेह सिंह ने भाजपा के रणजीत सिंह को पराजित किया था.
वहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा के रणजीत सिंह विजयी हुए थे, जबकि आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था.
चुनाव आयोग के मुताबिक, गोकलपुर विधानसभा सीट पर पुरुष मतदाता 128563, महिला मतदाता 109972 और थर्ड जेंडर मतदाता 7 हैं. इस विधानसभा सीट पर कुल मतदाता 238542 हैं.
यहां पर प्रमुख रूप से कई मुद्दे हैं, जो आगामी चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इसमें प्रमुख रूप से यातायात की समस्या, जाम की समस्या, दूषित जल की समस्या सहित कई अन्य मुद्दे हैं, जो आगामी चुनाव में राजनीतिक दिशा व दशा निर्धारित कर सकते हैं.
बता दें कि दिल्ली में आगामी पांच फरवरी को मतदान होगा और नतीजों की घोषणा आठ फरवरी को होगी.
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एसएचके/