नई दिल्ली, 10 जनवरी . दिल्ली की तुगलकाबाद विधानसभा सीट जहां दो दशक तक भाजपा का कब्जा रहा. भाजपा ने यहां पर पहली बार साल 1993 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. जीत का यह सिलसिला आगे के विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिला.
इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी ने साल 2013 के विधानसभा चुनाव तक जीत हासिल की. लगातार पांच जीत के बाद भाजपा जीत का सिक्सर मारने के लिए 2015 के विधानसभा चुनाव में उतरी.
भाजपा की ओर से प्रत्याशी थे विक्रम बिधूड़ी और आम आदमी पार्टी ने सही राम पहलवान को उनके खिलाफ उतारा.
भाजपा को विश्वास था कि तुगलकाबाद उनकी सुरक्षित सीट है और यहां से जीत का सिक्सर जरूर लगेगा. लेकिन, भाजपा को इस सीट पर हार मिली और 20 साल से चला आ रहा जीत का रथ आखिरकार रुका. आम आदमी पार्टी ने भाजपा के अभेद खिले में सेंध लगाई.
यह सिलसिला 2020 के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला. एक बार फिर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सही राम पहलवान की जीत हुई.
अब इस सीट पर तीसरी बार आम आदमी पार्टी जीत के दावे का साथ चुनावी मैदान में हैं. आम आदमी पार्टी ने सही राम पहलवान को तीसरी बार यहां से प्रत्याशी घोषित किया है.
सही राम के सामने अभी भाजपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा है.
बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक तुगलकाबाद विधानसभा सीट काफी महत्वपूर्ण है.
अगर इस सीट के इतिहास पर जाए तो सहीराम पहलवान को 2020 में जीत मिली थी. उन्हें 54.51 फीसदी वोट मिले थे. भाजपा के प्रत्याशी विक्रम बिधूड़ी दूसरे नंबर पर रहे थे. 2015 में भी सही राम पहलवान ने चुनाव जीता था. विक्रम बिधूड़ी दूसरे नंबर पर रहे थे. 2013 में भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी ने चुनाव जीता था. बीएसपी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे. 2008 में रमेश बिधूडी ने चुनाव जीता, बीएसपी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे. 2003 में भाजपा के प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने चुनाव जीता, 1998 में भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने चुनाव जीता, और 1993 में भी भाजपा के प्रत्याशी ने ही चुनाव जीता.
तुगलकाबाद विधानसभा सीट पर कुल वोटर 1, 92, 687 हैं. जिसमें 1,12,651 पुरुष, 80032 महिला मतदाता है. 4 थर्ड जेंडर के वोटर भी हैं.
इस विधानसभा में पीने के पानी के लिए घोर समस्या है. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से दावा किया गया था कि यहां पर पानी की समस्या को दूर किया जाएगा. लेकिन, स्थिति जस की तस रही. पानी के अलावा यहां पर टूटी सड़कें, आवारा पशुओं की समस्या है.
इस विधानसभा में जाट समुदाय के लोगों की संख्या काफी अधिक है. इसके अलावा दलित, मुस्लिम, सिख के अलावा ब्राह्मण समुदाय के लोग भी यहां पर रहते हैं.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को सिंगल फेज में होगा. चुनाव आयोग के मुताबिक कुल 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 थर्ड जेंडर को मिलाकर कुल 1.55 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार अधिकार का प्रयोग करेंगे. नतीजे का ऐलान 8 फरवरी को होगा. चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही दिल्ली में चुनाव ‘आदर्श आचार संहिता’ लागू हो गई है.
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डीकेएम/