नई दिल्ली, 18 जनवरी . सीलमपुर विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से आम आदमी पार्टी की ‘झाड़ू’ चली है. यह नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की मुस्लिम बाहुल्य सीट है, जहां मुस्लिम प्रत्याशी का ही झंडा बुलंद रहा है. यहां आज तक भाजपा अपना खाता तक नहीं खोल पाई है.
2025 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जुबैर चौधरी को टिकट थमाया है, जबकि कांग्रेस ने अब्दुल रहमान और भाजपा ने अनिल गौड़ को चुनावी समर में उतारा है.
2020 के चुनाव परिणामों की बात करें, तो आम आदमी पार्टी ने यहां अब्दुल रहमान पर दांव लगाया था और भारतीय जनता पार्टी ने कौशल कुमार मिश्रा पर और कांग्रेस ने मतीन अहमद को चुनावी मैदान में उतारा था. इस चुनाव में छह प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हुआ था.
मतीन अहमद ने इस सीट पर 1993 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. इसके बाद 1998 के विधानसभा चुनाव में वो निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत हासिल की. 2003 के विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस में शामिल हुए थे. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर यहां जीत का परचम लहराया.
उन्होंने 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की. वो कांग्रेस की टिकट पर पांच बार विधायक बने थे. लेकिन, 2015 में यहां की राजनीतिक स्थिति बदली. आम आदमी पार्टी की लहर थी. पार्टी ने यहां पर मोहम्मद इशराक को चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने भाजपा के संजय जैन को हार का मुंह दिखाया.
2020 के विधानसभा चुनाव में मतीन अहमद को हार का मुंह देखना पड़ा. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अब्दुल रहमान ने जीत का परचम लहराया.
चुनाव आयोग के मुताबिक, सीलमपुर विधानसभा सीट में पुरुष मतदाताओं की संख्या 100866 , महिला मतदाताओं की संख्या 91,266, थर्ड जेंडर 4 और कुल मतदाता 192136 हैं.
बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर पांच फरवरी को एक चरण में मतदान होंगे, जबकि नतीजों की घोषणा 8 फरवरी को होगी.
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एसएचके/