नई दिल्ली, 30 अक्टूबर . दीपावली के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश में रहेंगे. वह अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र तवांग में आर्मी के जवानों के साथ दीपावली मनाएंगे. यहां वह भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी उनके साथ रहेंगे.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी इस यात्रा के संबंध में जानकारी साझा करते हुए कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश की दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली से तवांग जा रहे हैं. रक्षा मंत्री यहां सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ विशेष बातचीत करेंगे और भारतीय सेना मेजर रालेंगनाओ बॉब खाथिंग को समर्पित एक संग्रहालय के उद्घाटन में शामिल होंगे.
चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश में रक्षा मंत्री बुधवार को इंडियन एयर फोर्स एससीसी की वायु वीर विजेता कार रैली को हरी झंडी भी दिखाएंगे. यह रैली अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है, इसका आयोजन भारतीय वायु सेना की 92वीं वर्षगांठ और 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की जीत के 25 साल पूरे होने के अवसर पर किया गया था. रैली का उद्देश्य युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हुए युद्धों और बचाव कार्यों में भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास और वीरता के बारे में जागरूकता बढ़ाना था.
‘वायु वीर विजेता’ कार रैली 8 अक्टूबर को लद्दाख के थोईस से रवाना हुई थी. थोईस, समुद्र तल से 3,068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा वायु सेना स्टेशन है. इस रैली के अंतर्गत वायु योद्धाओं, सेना के जवानों, पूर्व वायुसैनिकों और उत्तराखंड युद्ध स्मारक (यूडब्ल्यूएम) के सदस्यों का एक दल अब तवांग पहुंचा है.
केंद्रीय राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने थोईस से इसे रवाना किया था. भारतीय वायु सेना- उत्तराखंड युद्ध स्मारक (आईएएफ-यूडब्ल्यूएम) के इस दल ने 7,000 किलोमीटर की दूरी तय की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली से थोईस के लिए इस कार रैली को गर्मजोशी से विदाई दी थी.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस कार रैली ने अपनी 7000 किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान, विभिन्न स्थानों पर देश के युवाओं से संपर्क किया. इस दौरान युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया. युवाओं को भारत के विभिन्न युद्धों की जानकारी दी गई. उन्हें बताया गया कि इन युद्धों में वायु सेना की क्या भूमिका रही. भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास व युद्धों के साथ साथ बचाव अभियानों में वायु योद्धाओं की वीरता के बारे में भी युवाओं को अवगत कराया गया. कार रैली के दौरान युवाओं को मातृभूमि की सेवा के लिए आकर्षित करने का प्रयास भी किया गया. रैली में विभिन्न चरणों में कई पूर्व वायुसेना प्रमुख भी हिस्सा लिया.
भारतीय वायुसेना द्वारा उत्तराखंड युद्ध स्मारक के बुजुर्ग सैनिकों के साथ समन्वय में आयोजित इस रैली का उद्देश्य भारतीय वायु सेना के प्रति लोगों को महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराना था. इस मेगा कार रैली में महिलाओं सहित 52 वायु योद्धा शामिल रहे. रास्ते में, वायु योद्धा 16 पड़ावों पर रुके, जहां उन्होंने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के साथ बातचीत कर उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया.
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जीसीबी/एएस