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New Delhi, 24 नवंबर . केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह Monday को कुरुक्षेत्र आएंगे और चल रहे इंटरनेशनल गीता महोत्सव में Haryana पवेलियन का उद्घाटन करेंगे.
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की ओर से द्रौपदी कूप इलाके में बनाया गया यह पवेलियन, परफॉर्मेंस, एग्जीबिट और कलात्मक शोकेस के जरिए Haryana की समृद्ध लोक परंपराओं और प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को पेश करेगा.
पवेलियन के उद्घाटन के साथ ही रक्षा मंत्री कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के श्रीमद्भगवद्गीता सदन में तीन दिन के इंटरनेशनल गीता सेमिनार का भी उद्घाटन करेंगे.
इस सेमिनार में India और विदेश के जाने-माने विद्वान भगवद् गीता के ग्लोबल संदेश, इसकी दार्शनिक गहराई और आज के समाज में इसकी बढ़ती अहमियत पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएंगे.
अधिकारियों ने कहा कि Haryana पवेलियन को विजिटर्स को राज्य की सांस्कृतिक पहचान की एक शानदार झलक दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है. युवा कलाकार पारंपरिक लोक कला का प्रदर्शन करेंगे, जबकि खास प्रदर्शनियों में Haryana की ऐतिहासिक विरासत को दिखाया जाएगा.
एक Governmentी अधिकारी ने बताया कि इस साल की कोशिशों में इंटरैक्टिव और विजुअल प्रेजेंटेशन के जरिए इलाके की पुरानी सांस्कृतिक जड़ों को दिखाने की एक अनोखी कोशिश भी शामिल है.
बता दें कि 15 नवंबर को शुरू हुआ इंटरनेशनल गीता महोत्सव 21 दिन का जश्न है जिसमें आध्यात्मिकता, संस्कृति और ज्ञान का मेल है. विदेश मंत्रालय के सपोर्ट से, गीता जयंती के इवेंट 50 देशों में एक साथ हो रहे हैं, जो गीता के यूनिवर्सल मैसेज को दिखाते हैं.
इस साल Madhya Pradesh को सहभागी राज्य के रूप में शामिल किया गया है. यह राज्य कुरुक्षेत्र में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए अपने सांस्कृतिक दल, कलाकृतियां और धार्मिक/आध्यात्मिक कार्यक्रम लेकर आया है.
फेस्टिवल को यादगार बनाने के लिए, शहर को सांस्कृतिक तरीके रोशन किया गया है. पूरे India से हजारों भक्तों, टूरिस्टों, रिसर्चरों और कलाकारों के अलग-अलग प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए इकट्ठा होने की उम्मीद है, जिसमें भजन, प्रदर्शनियां और प्रवचन शामिल हैं.
इस बीच, गीता जयंती के आस-पास आध्यात्मिक उत्साह Lucknow में भी दिखा, जहां उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव को संबोधित किया.
Chief Minister ने कहा कि श्रीमद् भगवद् गीता के 700 श्लोक सनातन धर्म के हर मानने वाले के लिए “जीवन मंत्र” का काम करते हैं.
उन्होंने कहा, “गीता सिर्फ एक धर्मग्रंथ नहीं है, यह जीवन जीने का एक तरीका है. इसके दिव्य शब्द पवित्रता, स्पष्टता और समर्पण की प्रेरणा देते हैं.”
उन्होंने आगे जोर दिया कि भारतीय परंपरा में धर्म कभी भी सिर्फ रस्मों तक सीमित नहीं रहा है. उन्होंने कहा, “पूजा सिर्फ एक पहलू है. असल में, धर्म जीने की कला है.”
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एसएके/एएस