रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी चेतावनी, ‘आतंक को शह देना बंद करे पाकिस्तान’

जम्मू, 14 जनवरी . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अखनूर से पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकियों को प्रशिक्षण देने की गतिविधियां बंद करने की कड़ी चेतावनी दी है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद का खतरनाक कारोबार चलाने में किया जा रहा है. वहां आज भी आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग कैम्प चल रहे हैं. सीमा से सटे इलाकों में लॉन्च पैड बने हुए हैं. भारत सरकार को सब पता चल रहा है. पाकिस्तान को इनको खत्म करना होगा.

पीओके में रह रही अवाम को एक गरिमापूर्ण जीवन से महरूम रखा जा रहा है. पाकिस्तान के हुक्मरानों द्वारा उन्हें मजहब के नाम पर हिंदुस्तान के खिलाफ बरगलाने और उकसाने की कोशिश की जा रही है. आतंकवाद को खत्म करने की शुरुआत हमने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्‍छेद 370 को समाप्त करके की है. आज यहां हालात काफी हद तक बदले हैं. जम्मू कश्मीर पीओके के बिना अधूरा है. पीओके भारत के माथे का मुकुट मणि है. वैसे भी पीओके पाकिस्तान के लिए एक विदेशी क्षेत्र से अधिक कुछ नहीं है.

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि 1965 के युद्ध में भारतीय सेनाओं ने हाजी पीर पर तिरंगा लहराने में सफलता हासिल की, मगर उसे बातचीत की मेज पर छोड़ दिया गया. यदि यह न हुआ होता तो आतंकवादियों की घुसपैठ के रास्ते उसी समय बंद हो गए होते. पाकिस्तान ने आज तक आतंकवाद का दामन नहीं छोड़ा है. आज भी अस्सी फीसद से अधिक आतंकवादी पाकिस्तान से ही भारत में आते हैं.

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में अखनूर में युद्ध लड़ा गया था. भारत पाकिस्तानी सेना के प्रयासों को विफल करने में सफल रहा. पाकिस्तान 1965 से ही अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. उसकी यही उम्मीद रही है कि जम्मू एवं कश्मीर में जो मुस्लिम आबादी है, वह पाक फौज के साथ खड़ी होगी. मगर न 1965 में यहां के लोगों ने पाकिस्तान का साथ दिया न ही आतंकवाद के उस दौर में साथ दिया. सीमा पार आतंकवाद 1965 में ही समाप्त हो गया होता, लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार युद्ध में प्राप्त सामरिक लाभ को रणनीतिक लाभ में बदलने में असमर्थ रही.

एकेएस/