नई दिल्ली, 1 अप्रैल . देश का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 12 प्रतिशत बढ़कर 23,000 करोड़ के पार पहुंच गया, जो नया रिकॉर्ड स्तर है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर सभी हितधारकों को बधाई दी है.
केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा निर्यात बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये (लगभग 2.76 अरब डॉलर) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. यह 2023-24 के 21,083 करोड़ रुपये की तुलना में 12.04 प्रतिशत अधिक है.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 42.85 प्रतिशत बढ़ा, जो वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की बढ़ती स्वीकार्यता और भारतीय रक्षा उद्योग की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने की क्षमता को दर्शाता है.
देश के कुल रक्षा निर्यात में निजी क्षेत्र का योगदान 15,233 करोड़ रुपये और सार्वजनिक क्षेत्र का 8,389 करोड़ रुपये रहा. वित्त वर्ष 2023-24 में ये आंकड़े क्रमशः 15,209 करोड़ रुपये और 5,874 करोड़ रुपये थे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर सभी हितधारकों को बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत साल 2029 तक रक्षा निर्यात बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है.”
ये आंकड़े दिखाते हैं कि देश अब रक्षा क्षेत्र में न सिर्फ आयात पर निर्भरता कम कर चुका है, बल्कि दूसरे देशों को निर्यात करने में भी सक्षम है. सोमवार को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2024-25 में गोला-बारूद, हथियार, उप-प्रणालियों/प्रणालियों और कलपुर्जों तथा घटकों से लेकर कई तरह की वस्तुओं का लगभग 80 देशों को निर्यात किया गया है.
मंत्रालय ने बताया कि रक्षा उत्पादन विभाग के पास एक्सपोर्ट ऑथराइजेशन अनुरोधों के आवेदन और प्रसंस्करण के लिए एक समर्पित पोर्टल है. वित्त वर्ष 2024-25 में 1,762 एक्सपोर्ट ऑथराइजेशन जारी किए गए, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 1,507 रहा था. इस प्रकार इसमें 16.92 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इसी अवधि में निर्यातकों की कुल संख्या भी 17.4 प्रतिशत बढ़ी है.
केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में देश के रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं. औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, लाइसेंस की वैधता की अवधि बढ़ाई गई है. इसके अलावा, एक्सपोर्ट ऑथराइजेशन प्रदान करने के लिए एसओपी को और सरल बनाया गया, तथा देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पिछले वित्त वर्ष में और प्रावधान जोड़े गए.
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एकेजे/डीएससी