मानहानि मामला : तेलंगाना मंत्री सुरेखा ने एक्टर नागार्जुन के परिवार पर दिए बयान पर जताया खेद

हैदराबाद, 12 नवंबर . तेलंगाना की बंदोबस्ती और वन मंत्री कोंडा सुरेखा ने लोकप्रिय Actor नागार्जुन और उनके परिवार के बारे में दिया गया अपना बयान वापस ले लिया है.

पिछले साल Actor द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे का सामना कर रही मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनके बयान का उद्देश्य नागार्जुन या उनके परिवार के सदस्यों को ठेस पहुंचाना नहीं था.

मंत्री ने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि नागार्जुन गारु के संबंध में मैंने जो बयान दिया था, उसका उद्देश्य नागार्जुन गारु या उनके परिवार के सदस्यों को ठेस पहुंचाना नहीं था. मेरा अक्किनेनी नागार्जुन गारु या उनके परिवार के सदस्यों को ठेस पहुंचाने या बदनाम करने का कोई इरादा नहीं था.”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे उनके संबंध में अपने बयानों में किसी भी तरह की अनजाने में की गई धारणा के लिए खेद है, और मैं उसे वापस लेती हूं.”

मंत्री ने पिछले साल 2 अक्टूबर को यह विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने नागार्जुन के बेटे नागा चैतन्य और Actress सामंथा रुथ प्रभु के बीच तलाक के लिए India राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव (केटीआर) को जिम्मेदार ठहराया था.

मंत्री की टिप्पणी के बाद, सामंथा ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि उनका तलाक आपसी सहमति से हुआ था. उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि वे जिम्मेदारी से काम लें और लोगों की निजता का सम्मान करें.

कोंडा सुरेखा ने बाद में ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि वह अपनी टिप्पणी वापस ले रही हैं. मंत्री ने कहा कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि एक नेता द्वारा महिलाओं के अपमान पर सवाल उठाना था.

हालांकि, नागार्जुन ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 356 के तहत शहर की एक अदालत में एक याचिका दायर की. उन्होंने कहा कि मंत्री की टिप्पणी से उनके परिवार की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.

नागार्जुन ने कहा था कि मंत्री ने उनके परिवार, खासकर उनके बेटे नागा चैतन्य और सामंथा के तलाक के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की थीं.

Actor ने शिकायत की कि कोंडा सुरेशखा की टिप्पणियों से उनके परिवार की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है, जो फिल्म उद्योग और सामाजिक सेवा कार्यों में उनके दशकों के काम से बनी है.

हालांकि केटीआर ने मंत्री को अपना बयान वापस लेने और माफी मांगने के लिए एक कानूनी नोटिस जारी किया था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह बीआरएस नेता के बारे में अपनी टिप्पणियों पर कायम हैं.

इसके बाद, केटीआर ने मंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी शुरू किया.

एससीएच/एएस