बिहार: जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय के पहले कुलपति होंगे दीपक आनंद

Patna, 4 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Saturday को बिहार में युवाओं के कौशल विकास को नई दिशा प्रदान करने के लिए राज्य के पहले कौशल विश्वविद्यालय “जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय” का उद्घाटन किया.

New Delhi के विज्ञान भवन से आयोजित युवा संवाद और कौशल दीक्षांत समारोह को ऑनलाइन संबोधित करते हुए Prime Minister ने इस पहल को बिहार के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय राज्य के युवाओं को वैश्विक बाजार की मांगों के अनुरूप कौशल प्रदान कर उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाएगा.

बिहार Government ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अधिनियम-2025 की धारा-11 के तहत आवश्यक अधिसूचना जारी कर दी है. श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद को विश्वविद्यालय का पहला कुलपति नियुक्त किया गया है, जबकि श्रम आयुक्त राजेश भारती को रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

प्रारंभिक तौर पर विश्वविद्यालय का संचालन दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान से किया जाएगा. बिहार विधानमंडल ने सर्वसम्मति से “जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक-2025” को स्वीकृति प्रदान की थी.

यह विश्वविद्यालय Chief Minister नीतीश कुमार के नेतृत्व में शुरू किए गए सात निश्चय पार्ट-1 और पार्ट-2 के तहत चल रहे कौशल विकास कार्यक्रमों को और विस्तार देगा. बदलते वैश्विक बाजार और तेजी से विकसित हो रहे रोजगार क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए, यह विश्वविद्यालय उन्नत और प्रासंगिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित करेगा.

यह विश्वविद्यालय न केवल कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान देगा, बल्कि उद्यमशीलता, व्यावसायिक शिक्षा, शोध और नवाचार को भी बढ़ावा देगा. साथ ही, यह राज्य भर में कौशल विकास से जुड़े संस्थानों को संबद्धता प्रदान करेगा.

बिहार Government का मानना है कि इस पहल से राज्य के युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी. यह विश्वविद्यालय बिहार के मानव संसाधन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा.

राज्य Government के अनुसार, यह विश्वविद्यालय बिहार के युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसके जरिए न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि वैश्विक बाजार की जरूरतों के अनुरूप कुशल मानव संसाधन भी तैयार किया जाएगा. यह पहल बिहार को कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

एकेएस/डीएससी