मुडा मामला: सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त की क्लोजर रिपोर्ट पर याचिका का फैसला टला

Bengaluru, 29 सितंबर . Bengaluru में विधायकों और सांसदों के लिए विशेष अदालत ने प्रदेश के Chief Minister सिद्धारमैया और उनकी पत्नी के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश देने के मामले को 8 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया है. अदालत ने इस मामले की सुनवाई Monday को करनी थी.

स्नेहमयी कृष्णा ने इस मामले में एक याचिका दायर की है. याचिका में उन्होंने मांग की है कि लोकायुक्त द्वारा दायर ‘बी’ अंतिम रिपोर्ट या क्लोजर रिपोर्ट को खारिज किया जाए और उन्हें आरोप साबित करने का मौका दिया जाए.

याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि जांच अधिकारी को हटाया जाए, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर गलत रिपोर्ट दी है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

याचिका में यह भी मांग की गई है कि एमयूडीए मामले में सर्वे नंबर के अनुसार अलग-अलग केस दर्ज करने के लिए निर्देश जारी किए जाएं.

Bengaluru की विशेष अदालत ने 15 अप्रैल को मुडा मामले में Enforcement Directorate (ईडी) की आपत्ति पर फैसला देते हुए कहा कि कर्नाटक के Chief Minister , उनकी पत्नी, उनके साले मल्लिकार्जुनस्वामी और अन्य के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट पर निर्णय कर्नाटक लोकायुक्त की जांच पूरी होने के बाद लिया जाएगा.

ईडी ने अपनी याचिका में अदालत से आग्रह किया था कि न्याय के हित में कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार न किया जाए और मामले की जांच के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं.

कर्नाटक लोकायुक्त ने पहले सबूतों की कमी का हवाला देते हुए मामले को बंद करने की रिपोर्ट सौंपी थी.

मुडा मामला Chief Minister की पत्नी को कथित तौर पर गैरकानूनी तरीके से 14 प्लॉट आवंटित करने से जुड़ा है. यह आवंटन 50:50 योजना के तहत हुआ, जिसके बदले उनकी पत्नी को उनके भाई से उपहार में मिली 3.16 एकड़ जमीन दी गई थी. आरोप है कि Chief Minister की पत्नी के पास इस जमीन का कोई कानूनी हक नहीं था.

विशेष कोर्ट ने 25 सितंबर 2024 को पीसीआर दाखिल करने का आदेश दिया. मैसूर में लोकायुक्त Police ने सिद्धारमैया, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के खिलाफ First Information Report दर्ज की थी. ईडी ने 1 अक्टूबर, 2024 को मामला दर्ज किया और पीएमएलए के तहत जांच शुरू की.

कर्नाटक हाई कोर्ट ने 7 मार्च को इस मामले में ईडी द्वारा बीएम पार्वती और राज्य के शहरी विकास मंत्री बायराथी सुरेश को जारी किए गए समन को रद्द कर दिया.

पीएसके