जकार्ता, 13 मई . इंडोनेशिया के सुमात्रा प्रांत में ज्वालामुखी से निकल रहे ठंडे लावा के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है. इसकी जानकारी स्थानीय आपदा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को दी.
पश्चिम सुमात्रा प्रांत की आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी की आपातकालीन इकाई के प्रमुख फजर सुकमा ने कहा, ”लावा के कारण कई बड़े पत्थरों के गिरने के चलते पीड़ितों की तलाश में बाधा उत्पन्न हुई. बचावकर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों में सात और शव मिले हैं.”
उन्होंने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया, “मरने वालों की संख्या 44 हो गई है. बड़े पत्थरों और कचरे के चलते अभियान में बाधा आ रही है, लेकिन हम लापता 15 लोगों की तलाश जारी रखे हुए हैं.”
उनके मुताबिक, कुछ मशीनरी उपकरण बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफलतापूर्वक पहुंच गए हैं.
उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान तनाह दातर और अगम रीजेंसी पर केंद्रित होगा, जहां 15 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (बीएनपीबी) के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि शनिवार को प्राकृतिक आपदा ने 3,000 से ज्यादा लोगों को घर छोड़कर दोनों रीजेंसी में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया था. ठंडे लावा की बाढ़ ने घरों, इमारतों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को नष्ट कर दिया.
उन्होंने कहा कि सरकार ने आपातकालीन राहत प्रयास किए, जबकि बीएनपीबी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुहार्यंतो प्रभावित निवासियों को निकासी और सहायता वितरण की निगरानी करेंगे.
इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में मरने वालों की संख्या 37 बताई गई थी.
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पीके/