नई दिल्ली, 15 अक्टूबर . केरल में मंगलवार सुबह एडीएम नवीन बाबू का शव उनके आवास पर लटका मिला. बताया जा रहा है कि उन पर जिला पंचायत अध्यक्ष पीपी दिव्या ने पद पर रहते हुए गलत काम करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनका शव उनके आवास पर लटका मिला. इस पर भारतीय जनता पार्टी नेता अनूप एंटनी ने सीपीआईएम को खूब खरी-खोटी सुनाई है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “केरल के कन्नूर में एक एडीएम की आत्महत्या एक दुखद घटना है, जो उनके तबादले और विदाई समारोह के दौरान हुई. इस दौरान सीपीएम नेता पीपी दिव्या ने उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया और गलत आरोप लगाए. यह घटना सीपीएम नेताओं के अत्यधिक अहंकार को दर्शाती है, जो सार्वजनिक तौर पर दिखाई देता है. एडीएम को कथित तौर पर पीपी दिव्या द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा था, क्योंकि वह एक ईमानदार और मजबूत अधिकारी थे. उन पर अवैध रूप से एनओसी देने के लिए दबाव डाला जा रहा था, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया था.”
उन्होंने आगे कहा, “यह घटना सीपीएम के नेताओं के घमंड का एक स्पष्ट उदाहरण है, जो सार्वजनिक मंच पर उनके आचरण से प्रदर्शित होता है. कन्नूर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, जिन्होंने आत्महत्या की, लगातार पीपी दिव्या द्वारा परेशान किए जा रहे थे. यह अधिकारी एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे और दिव्या उन पर दबाव डाल रही थी कि वे एक अवैध एनओसी जारी करें. जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया. जिसका परिणाम उनके लिए आत्महत्या के रूप में सामने आया. यह घटना न केवल सीपीएम के नेताओं के व्यवहार को उजागर करती है, बल्कि केरल में कानून-व्यवस्था की गंभीरता को भी दिखाती है. जबकि एक ओर सरकार संसद में प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने में व्यस्त है, दूसरी ओर कोच्चि में लगभग चार सौ ईसाई परिवारों के भूमि हड़पने के प्रयास चल रहे हैं.
उन्होंने कहा, “यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है, जब हम देखते हैं कि मुख्यमंत्री स्वयं कन्नूर के विधायक हैं और उनके जिले में उनके पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता ने एक सरकारी अधिकारी को अपमानित करके आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया. यह सब केरल में कानून-व्यवस्था की स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है, जिससे समाज में असुरक्षा और अस्थिरता का माहौल बनता है.”
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