चमोली: धौली गंगा में बनी झील से बढ़ा खतरा, विशेषज्ञ और बचाव टीम रवाना

चमोली, 1 नवंबर . उत्तराखंड के चमोली जिले से एक बार फिर प्रकृति के प्रकोप का संकेत मिल रहा है. जिले के तपोवन के ऊपर धौली गंगा नदी में एक झील बनने की जानकारी के बाद प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है.

सैटेलाइट इमेज में झील बनने की पुष्टि होते ही जिलाधिकारी (डीएम) गौरव कुमार ने Saturday सुबह आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ और विशेषज्ञों की टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया.

डीएम गौरव कुमार ने बताया कि झील के आकार और संभावित खतरे का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों को भेजा गया है, ताकि समय रहते झील के पानी की निकासी की व्यवस्था की जा सके और किसी भी अप्रिय स्थिति को टाला जा सके.

चमोली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, दिनांक 1 नवंबर 2025 को झील बनने की सूचना प्राप्त होने के बाद उप जिलाधिकारी ज्योतिर्मठ, अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड चमोली, अपर सहायक अभियंता सिंचाई विभाग ज्योतिर्मठ, और स्थानीय राजस्व उप निरीक्षक की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का स्थलीय निरीक्षण किया.

रिपोर्ट के मुताबिक, तमकनाला क्षेत्र में मलबे के कारण धौली गंगा नदी का प्रवाह आंशिक रूप से अवरुद्ध हो गया है, जिससे नदी में एक झील का निर्माण हो गया है. वर्तमान में झील की लंबाई लगभग 300 मीटर, चौड़ाई करीब 60 मीटर और गहराई करीब 3 मीटर बताई जा रही है.

फिलहाल नदी का जल प्रवाह करीब 15 मीटर क्षेत्र में हो रहा है. स्थिति को नियंत्रण में रखने और पानी के दबाव को कम करने के लिए मशीनें तैनात कर दी गई हैं. जलधारा के प्रवाह को 30 मीटर तक चौड़ा करने का कार्य जारी है, जिससे झील के आकार में कमी आएगी और नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल किया जा सकेगा.

प्रशासन ने आसपास के क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है. आपदा प्रबंधन दल लगातार झील के आकार और जलस्तर की मॉनिटरिंग कर रहा है.

पीएसके