बीजिंग, 27 अप्रैल . हर साल 29 अप्रैल को विश्व नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. यूनेस्को के अधीनस्थ अंतर्राष्ट्रीय नृत्य समिति ने इसे निर्धारित किया. इसका उद्देश्य आधुनिक बैले के जनक जीन-जॉर्जेस नोवरे को याद करने के साथ नृत्य पर लोगों का ध्यान बढ़ाना है.
नृत्य एक सुंदर गतिशील कला है और पूरी दुनिया में संपर्क करने की सबसे आसान “भाषा” भी है. नृत्य राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आपसी समझ और मित्रता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
दुनिया के विभिन्न देशों में नृत्य का पारंपरिक इतिहास और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि है. अफ़्रीकी जनजातीय नृत्य से लेकर भारतीय शास्त्रीय नृत्य तक, लैटिन अमेरिकी के टैंगो से लेकर पश्चिमी बैले तक, हर संस्कृति की अपनी अनूठी नृत्य शैलियां होती हैं. नृत्य न सिर्फ़ प्रदर्शन कला है, बल्कि परंपरागत संस्कृति का प्रतिबिंब भी है.
वहीं, नृत्य के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं. नृत्य करने से शरीर के लचीलेपन, समन्वय और संतुलन में सुधार किया जाता है और कार्डियोरेस्पिरेटरी फ़ंक्शन और मांसपेशियों की ताकत बढ़ायी जाती है. नृत्य करने के बाद हमारे तनाव, चिंता और परेशानी दूर हो जाती है और आत्मविश्वास व सकारात्मकता बढ़ायी जाती है. इसलिए अधिक से अधिक लोग नृत्य को स्वस्थ जीवनशैली के रूप में मानते हैं.
चीन में नृत्य का विविधतापूर्ण विकास हो रहा है. शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य जैसे पारंपरिक नृत्य के साथ आधुनिक नृत्य और सड़क नृत्य आदि नये रूप भी लोकप्रिय होने लगे हैं. सभी प्रकार के नृत्यों से न केवल चीनी राष्ट्र की उत्कृष्ट पारंपरिक संस्कृति झलकती है, बल्कि समय की भावना और आधुनिक सौंदर्यशास्त्र का प्रतीक भी है. नृत्य धीरे-धीरे लोगों के जीवन में शामिल हो गया है और सांस्कृतिक कार्यक्रम व मनोरंजन का साधन बन गया है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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