New Delhi, 23 अगस्त . दक्षिण-पश्चिम जिला साइबर पुलिस ने टीवी और ओटीटी उद्योग में फर्जी निर्माता-निर्देशकों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है. फिल्म ‘बंटी और बबली’ से प्रेरित दो कुख्यात ठगों, तरुण शेखर शर्मा (निराला नगर, लखनऊ) और आशा सिंह उर्फ भावना (नांगलोई, दिल्ली) को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया.
ये दोनों स्टार प्लस और हॉटस्टार पर प्रसारित एक लोकप्रिय धारावाहिक में भूमिका दिलाने का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को ठग रहे थे. इनके पास से 7 स्मार्टफोन, 10 सिम कार्ड, 8 एटीएम कार्ड, 15 बैंक चेकबुक/पासबुक और एक सोने का टॉप बरामद हुआ.
मामला तब सामने आया जब रघु नगर, डाबरी की एक महिला ने एनसीआरपी (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर शिकायत दर्ज की. उनकी नाबालिग बेटी एकता कपूर की अकादमी से अभिनय का डिप्लोमा कर रही थी. उसने स्टार प्लस के एक धारावाहिक में काम पाने के लिए फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा. लिंक पर क्लिक करने पर उसे व्हाट्सएप नंबर पर रीडायरेक्ट किया गया, जहां पीयूष शर्मा नामक व्यक्ति ने खुद को पूर्व एमटीवी स्प्लिट्सविला प्रतिभागी और निर्देशक बताया.
उसने पीड़िता का पोर्टफोलियो मांगा और फिर फर्जी निर्माता राजन शाही और सिंटा की कथित एचआर निदेशक अनीता से संपर्क करवाया. झांसे में आकर पीड़िता ने 24 लाख रुपए ट्रांसफर किए, लेकिन बाद में उसे ब्लॉक कर दिया गया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक और सहायक पुलिस आयुक्त विजयपाल सिंह तोमर के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई. इसमें एसआई ओपेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल अशोक, बाबूलाल, जय प्रकाश और कांस्टेबल जीतू राम शामिल थे.
तकनीकी निगरानी से पता चला कि आरोपी लखनऊ, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल और कर्नाटक के प्रीमियम होटलों से ठगी करते थे. बेंगलुरु में छापेमारी के बाद दोनों आरोपियों को एक 2 बीएचके सर्विस अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में खुलासा हुआ कि तरुण और आशा ने यूट्यूब वीडियो से ठगी का हुनर सीखा था. वे व्हाट्सएप के जरिए पीड़ितों से संपर्क करते और बार-बार सिम कार्ड, बैंक खाते और ठिकाने बदलते थे. 20 से ज्यादा एनसीआरपी शिकायतें और जम्मू-कश्मीर में एक मामला इनसे जुड़ा है. पुलिस अब अन्य पीड़ितों की तलाश में है.
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एससीएच/केआर