प्रयागराज महाकुंभ को भव्य व दिव्य बनाने में मददगार होगा सीएसआर

लखनऊ, 11 जुलाई . संगम की रेती पर 2025 में लगने वाले महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए संगमनगरी प्रयागराज को सजाने और संवारने का कार्य प्रगति पर है. योगी सरकार ने इस पूरे आयोजन के लिए 2,600 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है, जबकि अब महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं और सुविधाओं के लिए सीएसआर फंड का भी उपयोग किया जाएगा.

सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं, जो अपने सीएसआर फंड के माध्यम से महाकुंभ से जुड़ना चाहती हैं, उन्हें महाकुंभ मेला प्राधिकरण की ओर से आमंत्रित किया गया है.

उल्लेखनीय है कि महाकुंभ 2025 के अवसर पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों, पर्यटकों, धार्मिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं साधु-संतों को बेहतर अनुभूति प्रदान किए जाने के लिए मेला प्राधिकरण तैयारियों में जुटा है. इसी क्रम में संस्थाओं को अपने सीएसआर फंड के माध्यम से करोड़ों श्रद्धालुओं की सेवा और सरकार द्वारा इस आयोजन को वर्ल्ड क्लास बनाने के प्रयासों के साथ ही दुनिया के सबसे बड़े मेले से जुड़ने का अवसर मिलेगा.

विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत आयोजनों में सहयोग करती हैं. महाकुंभ 2025 में भी यह संस्थाएं जुड़कर टेक्नोलॉजी, हेल्थ फैसिलिटीज, वाटर, सैनिटेशन एवं हाइजीन, सस्टेनेबिलिटी, सेफ्टी एवं सिक्योरिटी, कल्चर एंड हेरिटेज, बुनियादी ढांचे में वृद्धि, विविधिता और समावेशी पहलों के साथ ही मोबिलिटी के क्षेत्र में भागीदारी कर सकती हैं.

इस महाआयोजन से जुड़कर संस्थाओं को ग्लोबल लेवल पर खुद को प्रजेंट करने का अवसर मिलेगा और वो अपनी सेवाओं को दुनिया के सामने रख पाएंगी. एक अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज में होने जा रहे इस महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक होना है. 40 हजार हेक्टेयर में मेला क्षेत्र को 25 सेक्टर्स में बांटा गया है. प्रत्येक सेक्टर में कैंप, ऑफिस, कम्युनिटी एरिया के साथ ही स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा से संबंधित आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

प्रयागराज और मेला क्षेत्र में नागरिकों को समर्पित सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं. पूरे मेला क्षेत्र में 1.6 लाख टेंट्स स्थापित किए जा रहे हैं. जबकि, 1,800 हेक्टेयर में पार्किंग एरिया बनाया जा रहा है. 12 किमी. तक फैले घाटों को श्रद्धालुओं को समर्पित सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. मेला प्राधिकरण को मेेले मेें 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है.

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