मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की कीमतों में आया उबाल

नई दिल्ली, 16 जून . मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण सोमवार को फिर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड आज 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74.92 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73.83 डॉलर प्रति बैरल हो गया है.

13 जून को इजरायल की ओर से ईरान पर एयर स्ट्राइक करने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है और यह तब से अब तक करीब 7 प्रतिशत महंगा हो चुका है. 12 जून को ब्रेंट क्रूड का दाम 69.36 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड का दाम 66.64 डॉलर प्रति बैरल था.

क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़त की वजह तेल संपन्न क्षेत्र में संघर्ष का लगातार बढ़ना है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के साउथ पारस गैस फील्ड पर हमला किया है, जिसके कारण वहां उत्पादन को रोकना पड़ा है.

विश्लेषकों के अनुसार, उन्हें कच्चे तेल की कीमतों में कोई और वृद्धि की उम्मीद नहीं है, जब तक कि होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का प्रयास न किया जाए या यमन में ईरान समर्थित हौथी आतंकवादी जहाजों को निशाना न बनाया जाए.

जूलियस बेयर के इकोनॉमिक्स और नेक्स्ट जनरेशन रिसर्च के प्रमुख नॉर्बर्ट रकर ने कहा कि तेल ऐसे संघर्षों का सबसे बड़ा संकेतक है और कीमतों में भी इसी के अनुसार उछाल आया है. स्थिति में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और आने वाले दिनों और हफ्तों में पता चलेगा कि यह कितना आगे तक जाएगा.

इजरायल की यह कार्रवाई अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत के खराब होने और तेहरान द्वारा यह कहने के कारण हुई है कि अगर उस पर हमला किया गया तो वह इराक और आसपास के देशों में अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करेगा.

एमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चे तेल का उत्पादन करता है और लगभग 1.5 एमबीपीडी का निर्यात करता है, जिसमें चीन 80 प्रतिशत भागीदारी के साथ मुख्य आयातक है. ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता है.

होर्मुज स्ट्रेट मध्य-पूर्व में एक चोक प्वाइंट है. इस मार्ग से सऊदी अरब और यूएई आदि भी शिपिंग करते हैं और पहले भी ईरान ने इसे बंद करने की चेतावनी दी है.

एबीएस/