महाकुंभ नगर, 22 जनवरी . संगम नगरी प्रयागराज में हो रहे धर्म के सबसे बड़े आयोजन प्रयागराज 2025 का आज दसवां दिन है. अब तक पवित्र गंगा में 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं. संगम का दशाश्वमेध घाट भी अध्यात्म और धर्म के हिसाब से विशेष स्थान रखता है. महाकुंभ महापर्व पर स्नान करने वालों की इस घाट पर भी संख्या अच्छी खासी है. न्यूज एजेंसी से कई श्रद्धालुओं ने बात की और व्यवस्थाओं को लेकर सरकार का आभार जताया.
श्रद्धालु सुमन ने कहा, “इस घाट का बहुत महत्व है. ब्रह्मा जी ने यहीं पर यज्ञ किया था. इस घाट पर स्नान करने का बहुत महत्व है. इस बार सीएम योगी और पीएम मोदी की तरफ से घाटों पर जो व्यवस्था की गई है, वो बहुत अच्छी है. हमारी कामना है कि दोनों नेता हमेशा बने रहें. सुरक्षा व्यवस्था के साथ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है.”
प्रयागराज के उमेश चंद वर्मा ने बताया, “इस बार की जो व्यवस्था है, वह काफी अच्छी है. दशाश्वमेध घाट पर स्नान करने का विशेष महत्व है. हमारी तो इच्छा यही है कि मोदी-योगी सरकार हमेशा बनी रहे और जनकल्याण के लिए काम करती रहे.”
वहीं, तीर्थ पुरोहित प्रमोद कुमार द्विवेदी मोदी-योगी के शासन की तारीफ करते हुए कहा कि “प्रशासन ने घाट को पक्का बना दिया है. इस घाट का धार्मिक महत्व है. पुराणों में इस बात का जिक्र है कि ब्रह्मा जी ने यहां पर यज्ञ किया था. संगम में स्नान करके मोक्ष की प्राप्ति होती है, लेकिन इस घाट पर स्नान करने और इस घाट के जल को शंकर जी पर चढ़ाने से 1,000 बार जल चढ़ाने के बराबर पुण्य मिलता है.”
बता दें कि मौनी अमावस्या से पहले मां गंगा के तट पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा मां गंगा से सुख समृद्धि और वैभव की प्रार्थना कर रहे हैं. आस्था के इस समागम में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम सिर्फ तीन नदियों का नहीं बल्कि सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था का भी संगम है. यही वजह है कि 144 साल के बाद लगे इस महाकुंभ में आज बिना निमंत्रण के लाखों लोग आ रहे हैं.
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एससीएच/केआर