New Delhi, 5 सितंबर . देश की राजधानी दिल्ली में भारी बारिश और यमुना के बढ़ते जलस्तर ने कई इलाकों को प्रभावित किया है. यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर तक बढ़ने से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
प्रभावित लोगों के लिए मयूर विहार फेज-1 इलाके में राहत शिविर कैंप बनाया गया है. यहां दिल्ली सरकार की ओर से प्रभावित लोगों को भोजन, मेडिकल सुविधाएं और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिविरों में रहने की व्यवस्था संतोषजनक है और खाने-पीने के साथ-साथ चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. हालांकि, डूब क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि उनकी फसलें जलमग्न हो गई हैं.
इसके अलावा, कुछ लोग अपने पशुओं और जानवरों को भोजन देने के लिए इन राहत शिविरों का सहारा ले रहे हैं.
स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन प्रभावित लोगों की मदद के लिए सक्रिय हैं.
किसान कौशल के अनुसार, यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण उनकी 3 बीघा में लगाई गई भिंडी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. बाढ़ में सब बह गया.
उन्होंने बताया कि इस बार पानी का जलस्तर पिछले साल की तुलना में कम है, फिर भी फसल को भारी नुकसान हुआ है. यमुना में बढ़ते जलस्तर से किसानों के लिए आर्थिक चुनौती पैदा की है.
यमुना खादर निवासी रामवीर ने बताया कि सरकार की ओर से राहत शिविरों में खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं. इससे प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिल रही है.
मयूर विहार निवासी पीयूष ने कहा कि पिछले एक साल से मयूर विहार क्षेत्र में स्ट्रीट डॉग्स की मदद के लिए सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि जानवरों की मदद जरूरी है. अगर सभी लोग मिलकर सहायता करें तो उनकी स्थिति में सुधार हो सकता है.
बुजुर्ग महिला ने बताया कि बाढ़ के कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने शिकायत की कि राहत शिविर में पानी का टैंकर और खाद्य पदार्थ समय पर नहीं पहुंच रहे, जिससे शिविर में रहने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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डीकेएम/वीसी