बीजिंग, 15 अगस्त . जब पारिस्थितिकी फलती-फूलती है, तो सभ्यता भी फलती-फूलती है. 15 अगस्त, 2005 को, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चच्यांग प्रांत की आनची काउंटी में पहली बार “स्वच्छ जल और हरे-भरे पहाड़ ही सोने-चांदी के पहाड़ हैं” (यानी “दो पहाड़”) अवधारणा प्रस्तुत की थी. इस वर्ष इस अवधारणा की 20वीं वर्षगांठ है. पिछले 20 वर्षों में, यह वैज्ञानिक निष्कर्ष एक छोटे से पहाड़ी गांव से पूरे चीन में फैलकर शी चिनफिंग के पारिस्थितिक सभ्यता संबंधी विचारों की मूल अवधारणा बन गया है.
नदियों और झीलों से लेकर घास के मैदानों और रेगिस्तानों तक, आर्द्रभूमि और जंगलों से लेकर उपजाऊ पहाड़ों और खेतों तक, शी चिनफिंग हमेशा इन मुद्दों के बारे में चिंतित रहे हैं, जबरदस्त प्रयास किए हैं, और एक सुंदर चीन के निर्माण का नेतृत्व करते हुए दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य के साथ अग्रिम पंक्तियों और महत्वपूर्ण बैठकों में बार-बार निरीक्षण और जांच के माध्यम से बड़े कदम उठाए हैं.
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस (नवंबर 2012) के बाद से, चीन के पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण में ऐतिहासिक, महत्वपूर्ण और समग्र परिवर्तन हुए हैं. पारिस्थितिकी पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार से उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त हुए हैं. 10 साल पहले की तुलना में, चीन के प्रमुख शहरों में पीएम2.5 की औसत सांद्रता में संचयी रूप से 56% की गिरावट आई है, और भारी प्रदूषण वाले दिनों की संख्या में 92 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे चीन दुनिया में वायु गुणवत्ता में सबसे तेजी से सुधार करने वाला देश बन गया है, मिट्टी के पर्यावरणीय जोखिमों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया गया है, अच्छी जल गुणवत्ता वाले सतही जल खंडों का अनुपात 64.1 प्रतिशत से बढ़कर 90.4 प्रतिशत हो गया है, यांग्त्ज़ी नदी की मुख्यधारा की जल गुणवत्ता लगातार 5 वर्षों से और पीली नदी की मुख्यधारा की जल गुणवत्ता लगातार 3 वर्षों से द्वितीय श्रेणी पर स्थिर बनी हुई है.
आज, हरा रंग समकालीन चीन में एक विशिष्ट पृष्ठभूमि रंग बन गया है. चीन ने 54,000 से ज़्यादा पॉकेट पार्क और 128,000 किलोमीटर से ज़्यादा हरित मार्ग बनाए हैं, देश में 22 अंतर्राष्ट्रीय आर्द्रभूमि शहर हैं, जो दुनिया में पहले स्थान पर है. इसके साथ ही, चीन की वन कवरेज दर 25 प्रतिशत से ज़्यादा है, जो दुनिया के नए हरित क्षेत्र का एक-चौथाई हिस्सा है.
इसके अलावा, चीन में जैव विविधता संरक्षण से अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं. देश ने राष्ट्रीय उद्यानों को मुख्य निकाय बनाकर एक प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र प्रणाली का निर्माण किया है और पारिस्थितिकी संरक्षण रेड लाइन प्रणाली लागू की है. विशाल पांडा, हिम तेंदुए, साइबेरियाई बाघ, तिब्बती मृग और एशियाई हाथियों सहित 200 से अधिक जंगली पशु प्रजातियाँ पुनर्प्राप्ति और विकास के चरण में प्रवेश कर चुकी हैं. चीन द्वारा शुरू की गई खुनमिंग जैव विविधता निधि ने शुरुआत में 15 विकासशील देशों को कवर करने वाली 9 परियोजनाओं का समर्थन किया था और वर्तमान में परियोजनाओं के दूसरे बैच का चयन किया जा रहा है.
पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण से वर्तमान और भावी पीढ़ियों को लाभ होगा. पारिस्थितिक सभ्यता पर शी चिनफिंग के विचारों के मार्गदर्शन में, चीन ने “स्वच्छ जल और हरे-भरे पहाड़ ही सोने-चांदी के पहाड़ हैं” वाली अवधारणा का अभ्यास करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले पारिस्थितिक वातावरण के साथ उच्च गुणवत्ता वाले विकास का समर्थन किया है, और भावी पीढ़ियों के लिए हरे पहाड़ों, साफ पानी और ताजी हवा के साथ एक सुंदर नया घर छोड़ा है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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