वक्फ संशोधन विधेयक पर भाकपा सांसद का बयान, ‘यह सिर्फ मुस्लिमों का नहीं, देश की धर्मनिरपेक्षता का मुद्दा’

नई दिल्ली, 31 मार्च . वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्यसभा सांसद पी संतोष कुमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि धर्म को राजनीति से अलग रहना चाहिए और कोई भी पार्टी जाति या धर्म के आधार पर कानून नहीं बना सकती.

राज्यसभा सांसद पी संतोष कुमार ने समाचार एजेंसी से कहा, “हर राजनीतिक दल अपनी विचारधारा और एजेंडे के तहत कानून बनाता है, लेकिन धर्म को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक सिर्फ मुस्लिम समुदाय से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि यह भारत की धर्मनिरपेक्षता से जुड़ा सवाल है.

उन्होंने कहा, “आज यह कानून मुस्लिमों पर लागू किया जा रहा है, लेकिन कल किसी और धर्म पर भी असर डालेगा. इसलिए इसे ठीक किया जाना जरूरी है.” उन्होंने आगे बताया कि भाकपा ने इस बिल पर अपनी राय स्पष्ट रूप से रखी है और संयुक्त संसदीय समिति को इस पर एक विस्तृत नोट भी सौंपा गया है.

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में घोषणा की है कि सरकार मौजूदा बजट सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पेश करेगी. इस विधेयक के तहत, भूमि विवादों को सुलझाने का अधिकार केवल न्यायालयों को दिया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके.

इस विधेयक का देशभर में मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे “मुस्लिम धर्मस्थलों और दान संस्थानों पर साजिश” करार दिया है.

वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध पर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने विरोध करने वालों को पहचानने की अपील करते हुए कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होने पर मुसलमानों को यह डर दिखाया था कि इसके लागू होते ही उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने सवाल भी किया कि सीएए लागू हुए एक साल हो चुका है, तो क्या किसी मुसलमान को बाहर निकाला गया है? उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे झूठ के खिलाफ समाज को जागरूक करना आवश्यक है.

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