अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एसोसिएटेड जर्नल्स की संपत्ति जब्ती को वैध ठहराया

नई दिल्ली, 11 अप्रैल . पिछले साल धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्ति की जब्ती को अदालत (निर्णय प्राधिकारी) ने वैध माना है.

नवंबर 2023 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में कांग्रेस से जुड़ी संस्थाओं एजेएल और यंग इंडियन की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली.

इसने इस सिलसिले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित कई व्यक्तियों से पूछताछ की थी.

1 नवंबर 2012 को वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत में एक निजी शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दोनों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) नामक सार्वजनिक रूप से सीमित कंपनी का अधिग्रहण करके अपनी स्वामित्व वाली निजी कंपनी, यंग इंडियन के जरिए 16 अरब रुपये की धोखाधड़ी कर जमीन हड़प ली थी.

अदालत ने 19 दिसंबर, 2015 को मामले में गांधी परिवार और अन्य को जमानत दे दी थी.

जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में स्थापित नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र के प्रकाशक एजेएल ने 90 करोड़ रुपये के बड़े अवैतनिक ऋण के साथ 2008 में परिचालन बंद कर दिया. यंग इंडियन को 23 नवंबर, 2010 को 5 लाख रुपये की मामूली भुगतान पूंजी के साथ शामिल किया गया था, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास सामूहिक रूप से 76 प्रतिशत शेयर थे.

दिसंबर 2010 में यंग इंडियन ने एजेएल के बकाया ऋण का ‘स्वामित्व’ लेने का संकल्प लिया, जिसने कांग्रेस से ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त किया था. इस फैसले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत पार्टी नेताओं की अहम भूमिका रही..एजेएल के बोर्ड ने 50 लाख रुपये के बदले में पूरी शेयर इक्विटी यंग इंडियन को हस्तांतरित कर दी. इसमें कांग्रेस नेतृत्व के लोग भी शामिल थे.

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