जाली मुद्रा सर्कुलेट करने के आरोपी को कोर्ट ने नहीं दी जमानत

नई दिल्ली, 5 अप्रैल . फेक करेंसी मामले में फंसे शख्स को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से साफ इनकार कर दिया.

आरोपी की पहचान इरशाद उर्फ ​​भूरू के रूप में हुई है. दरअसल, उस पर 2 हजार रुपए के नकली नोटों की आपूर्ति और वितरित करने का आरोप है. आरोपी के परिसर से 3 लाख रुपए के नकली नोट भी बरामद किए गए थे.

स्वर्ण कांता शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जाली मुद्रा की आपूर्ति से देश की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और लोगों के कल्याण पर गंभीर असर पड़ता है.

जस्टिस शर्मा ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए कहा कि न्यायपालिका को इन मामलों में सख्त रूख अख्तियार करने की जरूरत है.

कोर्ट ने जाली मुद्रा से होने वाले गंभीर खतरों पर प्रकाश डाला. मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी वित्तपोषण और अन्य संगठित अपराधों को अंजाम देने के मामलों में जाली मुद्रा का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है.

इसके अलावा, जो निर्दोष व्यक्ति अनजाने में ऐसे धन का उपयोग करते हैं, उन्हें संभावित कानूनी परिणामों के साथ-साथ पर्याप्त वित्तीय जोखिमों का सामना करना पड़ता है.

कोर्ट ने कहा, “इससे वित्तीय नुकसान, कानूनी देनदारियां और प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है, खासकर उन व्यवसायों के लिए जो अनजाने में भुगतान के लिए नकली मुद्रा स्वीकार करते हैं.”

गिरफ्तारी 22 जून 2023 को उत्तर प्रदेश के कैराना से हुई थी, जहां पुलिस को आरोपी के पास से 2,000 रुपये के 150 नकली नोट मिले थे.

एसएचके/