सनातन बोर्ड के गठन से भारत में रुकेगा धर्मांतरण : देवकीनंदन ठाकुर

मथुरा, 18 जुलाई . आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यदि सनातन बोर्ड अस्तित्व में होता तो भारत में सनातनियों की दुर्दशा नहीं होती.

समाचार एजेंसी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि कुछ लोग पैसे, इलाज या कपड़े जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी करके दूसरों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. लेकिन, यदि सनातन बोर्ड के तहत शिक्षा के लिए गुरुकुल व्यवस्था, इलाज के लिए अस्पताल और जरूरतमंद बहनों-बेटियों की मदद के लिए धन उपलब्ध हो तो कोई धर्म परिवर्तन की ओर नहीं जाएगा.

उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड बनने से भारत में 90 प्रतिशत तक धर्मांतरण रुक जाएगा और कोई भी ऐसा करने की हिम्मत नहीं करेगा.

देवकीनंदन महाराज ने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स के दुरुपयोग पर भी कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि फर्जी अकाउंट्स के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए. उन्होंने सुझाव दिया कि फर्जी अकाउंट बनाने वालों की पहचान कर तुरंत जांच की जाए और कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान हो. उन्होंने कहा कि कुछ लोग फर्जी अकाउंट्स के जरिए समाज में विभाजन, जातिगत संघर्ष और सनातन धर्म, देवी-देवताओं व आस्था का अपमान कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई जरूरी है.

कावड़ यात्रा को लेकर हो रही आलोचनाओं पर भी देवकीनंदन ठाकुर ने तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कावड़ियों को ‘आतंकी’ कहने वालों की कड़ी निंदा करते हुए सवाल किया कि क्या पहलगाम में सनातनियों की हत्या करने वालों और 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वालों को ‘साधु’ कहा जाएगा? ऐसे लोग भारत और सनातन संस्कृति को बदनाम करने का काम कर रहे है. ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. मेरा मानना है कि कांवड़ लाना पुण्य का काम है. सनातन धर्म शांति और समरसता का प्रतीक है, लेकिन कुछ लोग इसे बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं.

देवकीनंदन महाराज ने सनातन बोर्ड के गठन को सनातनियों के कल्याण के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह बोर्ड न केवल धर्म परिवर्तन को रोकेगा, बल्कि सनातन संस्कृति को मजबूत करने और समाज में एकता स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए.

एकेएस/पीएसके